भोपाल : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार जनता की हर संभव मदद कर ही है, लेकिन निजी अस्पताल मनमानी फीस वसूलकर उन्हें लूटने का काम कर रहे हैं. जिस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सख्ती दिखाई है. उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए रेट तय होंगे,लूटने की अनुमति किसी भी निजी अस्पताल को नहीं दी जाएगी. 


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दरअसल इंदौर के बड़े अस्पतालों में से एक एप्पल अस्पताल में मरीजों से मनचाही फीस वसलने का मामला सामने आया था. आरोप है कि अस्पताल में मरीजों से मनमर्जी अनुसार चार्ज लगाकर उन्हें बिल थमा दिए जाते हैं. कोविड-19 सैंपल जांच फीस, आइसोलेशन वार्ड चार्ज ,पीपीई किट चार्ज, डॉक्टर विजिट के नाम पर पैसे लूटे जा रहे हैं. जिसे लेकर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल को नोटिस जारी किया था. इसी मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन ने संज्ञान लिया है. 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस के इलाज के नाम पर मनमानी फीस वसलूने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जो भी मरीजों को परेशान करेगा, प्रशासन उसकी जांच कर कार्रवाई करेगा...उन्होंने कहा कि मार्च में कोरोना से लड़ाई में हमारी तैयारी नहीं थी, तब तक कोरोना जड़ जमा चुका था. लेकिन अब हम पूरी तरह से तैयार हैं, सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है. 


मरीजों के परिजनों ने लगाए ये आरोप 
आपको बता दें कि राम अवतार नाम के शख्स ने फूड प्वाइजनिंग होने पर अपनी पत्नी को एप्पल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था.जहां डॉक्टरों ने उसकी पत्नी को हार्ट पेशेंट बता दिया. राम अवतार का आरोप है कि अस्पताल ने कोविड जांच के नाम पर और कुछ दवाईयों को मिलाकर 1 लाख का बिल बना दिया. अस्पताल प्रबंधन अपने मनमाने तरीके से दवा देता रहा और बिल बनाता रहा.


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एप्पल अस्पताल पर केवल राम अवतार ने ही आरोप नहीं लगाए हैं, बल्कि कोविड-19 की मरीज लाल कुंवर बाई चौहान के परिजनों का भी कहना है कि अस्पताल झूठ बोलकर ज्यादा पैसे वसूल रहा है. उन्होंने कहा कि लाल कुंवर बाई को महज 2 दिन के लिए अस्पताल में रखा था. दूसरे दिन जब भारी बिल थमाया गया तो हमने मरीज को डिस्चार्ज करने के लिए कहा. बावजूद इसके अस्पताल ने छुट्टी नहीं बल्कि उन्हें तीसरे दिन का भी बिल पकड़ा दिया. 


वहीं इस मामले पर कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि एप्पल अस्पताल में जो वसूली की गई है वो अपराधिक प्रवृत्ति का काम है. हम इस तरीके से मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे मनमाने चार्ज वसूलने का काम नहीं चलने देंगे. कलेक्टर ने बताया कि अस्पताल में कोविड-19 जांच के चार्जेस, PPE किट के पैसे ज्यादा वसूले गए हैं. साथ ही डॉक्टर विजिट के लिए भी ज्यादा पैसे लिए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिन डॉक्टर्स ने विजिट के ज्यादा पैसे लिए हैं उनके नाम चिन्हित किए गए हैं. अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी. 


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