दुष्यंत कुमार मिश्रा/रीवाः मध्य प्रदेश भाजपा ने बुधवार को रीवा जिले में किसान सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी शिरकत की. उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया. सीएम ने कहा, ''हमने सुना है दिग्विजय और कमलनाथ उपवास करने वाले हैं, वो भी किसानों के साथ हुए अन्याय के लिए. अगर दोनों को उपवास ही करना है तो किसानों के साथ उन्होंने जो पाप किया है उसके प्रायश्चित के लिए करें.''


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'दिग्विजय और कमलनाथ ने किसानों को ठगा'
सीएम शिवराज ने कहा, ''दिग्विजय सिंह 10 सालों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन विंध्य की सूखी धरती की प्यास तक नहीं बुझा पाए. किसानों के हमदर्द बन रहे हैं. इसी तरह कमलनाथ ने तो किसानों के साथ कर्जमाफी का वादा करके धोखा दिया. कर्जमाफ तो किया ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री रहते हुए फसल बीमा योजना का 24 करोड़ रुपए का प्रीमियम भी जमा नहीं किया. इससे प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाया. आप दोनों ने सिर्फ किसानों को ठगने का काम किया और अब किसानों के हितैषी बन रहे हो?''


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'राहुल गांधी ने कर्जमाफी पर झूठा वादा किया'
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ राहुल गांधी ने भी किसानों से झूठ बोला. विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर प्रदेश के सभी किसानों का कर्जमाफ किया जाएगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा. लेकिन किसानों का कर्जमाफ नहीं किया गया. कमलनाथ ने तो किसान सम्मान निधि के लिए प्रदेश के किसानों की सूची तक केंद्र सरकार को नहीं भेजी. आज कांग्रेस केवल किसानों को बरगलाने का काम कर रही है, लेकिन किसान इस बहकावे में नहीं आने वाला है.


'हमेशा से किसान भाजपा की प्राथमिकता में हैं'
शिवराज ने कहा कि भाजपा देश की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जिसकी पहली प्राथमिकता किसान हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित के लिए अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं. पीएम किसान सम्मान निधी, फसल बीमा योजना जैसी कई योजनाएं चलाई हैं. इससे सीधे-सीधे किसानों को लाभ पहुंचाता है. शिवराज ने कहा, ''मैं किसानों को यह विश्वास दिलाता हूं की तीनों केंद्रीय कृषि कानून उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे. मंडिया बंद करने का जो भ्रम फैलाया जा रहा है किसानों को उस भ्रम में नहीं आना है. बल्कि इन कानूनों के बाद किसान अपनी मर्जी से अपना अनाज कहीं भी बेच सकता है.''


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