कटनी (Katni News): कटनी जिले के एक निजी हॉस्पिटल में मृत महिला का तीन दिनों तक इलाज करने का मामला प्रकाश में आया है. मृतका महिला के परिजन ने जब मृतका का शव मांगा तो उल्टा ही अस्पताल प्रबंधन ने 50 हजार रु का बिल थमा दिया. इसके बाद मामले में तूल पकड़ लिया और पीड़ित परिवार ने निजी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए.


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विजयराघवगढ़ का है मामला
पूरा मामला कटनी जिले के विजयराघवगढ़ तहसील का है. मृतका पुत्ती बाई के बेटे ओम प्रकाश साहू ने बताया की उसकी मां का एक्सीडेंट 14 जनवरी को हुआ था. उसके बाद उन्हें इलाज के लिए विजयराघवगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया.


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ऑपरेशन के बाद नहीं आया होश
परिजनों ने घायल पीड़िता को कटनी के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कर दिया. जहां पर डॉक्टर ने कहा की घायल महिला का ऑपरेशन किया जाएगा. ऑपरेशन के बाद से महिला को होश नहीं था.


परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप
परिवार वालों ने आरोप लगाते हुए कहा की उनकी मां की मृत्यु तीन दिन पूर्व ही हो चुकी थी. डॉक्टर उन्हें जबरन में ही वेंटीलेटर पर रखे हुए थे. उनको वेंटीलेटर का बिल तीन लाख पचास हजार रु मांगा जिसे जमा कर दिया गया. लेकिन, मां के स्वास्थ में कोई भी सुधार नहीं हुआ.


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अस्पताल ने की 50 हजार रुपये की मांग
तीन दिन बाद और पुत्ती बाई को मृत बताकर बकाया 50 हजार रुपय की और मांग की गई. बकाया पैसे जमा नहीं करने पर अस्पताल प्रशासन शव नहीं दे रहा था जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया.


अस्पताल प्रबंधन ने दी सफाई
वहीं अस्पताल प्रबंधन ने पूरे मामले में सफाई दी है. एमजीएम संजय तिवारी ने बताया की मृतका के परिजन अस्पताल पर जो आरोप लगा रहे हैं वो निराधार है जो पचास हजार रुपये बकाया था उसका सेटलमेंट कर दिया गया है. 


कटनी से जी मीडियो के लिए नितिन चावरे की रिपोर्ट