Dr.Saraswati Suicide Case में जागा चिकित्सा शिक्षा विभाग! मामले में हुई ये बड़ी कार्रवाई
Gandhi Medical College Suicide Case: मध्य प्रदेश के गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉ. सरस्वती की आत्महत्या के बाद मृतिका के परिजनों के उत्पीड़न के आरोपों के बाद महिला एवं प्रसूति विभाग की प्रमुख डॉ. अरुणा कुमार को हटा दिया गया है.
Dr.Saraswati Suicide Case Update: मध्य प्रदेश (MP News) के गांधी मेडिकल कॉलेज (Gandhi Medical College) में डॉ. सरस्वती आत्महत्या मामले के पांच दिन बाद आखिरकार चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है. जीएमसी में महिला एवं प्रसूति विभाग की प्रमुख के पद पर कार्यरत डॉ. अरुणा कुमार को उनके पद से हटा दिया गया है. यह फैसला तब आया जब डॉ. सरस्वती के परिजनों ने डॉ. अरुणा पर उत्पीड़न और उनके निजी जीवन के बारे में अनुचित टिप्पणियां करने का आरोप लगाया था. बता दें कि डॉ. अरुणा को हटाना हड़ताली जूनियर डॉक्टरों की एक महत्वपूर्ण मांग थी.
निजी जिंदगी पर टिप्पणी करने समेत कई गंभीर आरोप
बता दें कि मध्य प्रदेश में 5 दिन बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग जागा है. जीएमसी में डॉ.सरस्वती आत्महत्या मामले में कार्रवाई हुई है. महिला एवं प्रसूति विभाग की एचओडी डॉ. अरुणा कुमार को गांधी मेडिकल कॉलेज से हटाया गया है. डॉ. अरुणा को चिकित्सा शिक्षा संचालनालय से संबद्ध किया गया है. डॉ. सरस्वती के परिजनों ने एचओडी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उन्हें जीएमसी से हटाने की मांग की थी. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की मुख्य मांग भी यही है. एचओडी पर प्रताड़ित करने, निजी जिंदगी पर टिप्पणी करने समेत कई गंभीर आरोप हैं.
जानिए पूरा मामला
दरअसल, भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने रविवार रात बेहोशी का ओवरडोज इंजेक्शन लेकर आत्महत्या कर ली थी. सुसाइड नोट में जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने अपनी मौत के लिए विभाग की तीन सीनियर महिला डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया था. सुसाइड नोट में लिखा था कि सारे काम दिल से करने के बाद भी कामचोर होने के ताने दिए जाते थे. जूनियर्स के सामने मुझे कामचोर कहा जाता है. उधर, सरस्वती के पति जयवर्धन चौधरी का आरोप था कि पत्नी से 36 घंटे तक काम कराया जाता था.
रिपोर्ट: आकाश द्विवेदी (भोपाल)