धार: मां की मृत्यु होने पर मुखाग्नि देने की परंपरा को समाज में बेटे ही निभाते आए हैं, लेकिन शुक्रवार को धार शहर के नालछा दरवाजा क्षेत्र में यह फर्ज बेटा बन कर एक बेटी ने निभाई. सामाजिक कुरीतियों को दरकिनार करते हुए बेटी द्वारा मां को मुखाग्नि देने की खबर शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है.


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परिवार में केवल मां और बेटी
नालछा दरवाजा क्षेत्र की रहने वाली सविता देशमुख की 56 वर्ष की उम्र में सुबह मौत हो गई. उसके परिवार में कहने को केवल एक बेटी दिशा 28 वर्ष ही है. बेटी आशा कार्यकर्ता है. जब अंतिम संस्कार करने की बात आई तो बेटी दिशा ने मां को मुखाग्नि देने की बात कही. इसके बाद लोगो ने श्मशानघाट तक सविता देशमुख के शव को पहुंचाया. जहां बेटी दिशा ने विधि संस्कारों के साथ मां को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया.


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लोगों ने की सराहना
बेटी की इच्छा पर मां की चिता का अंतिम संस्कार करने पर कुछ लोग परंपरा की दुहाई भी दे रहें तो कुछ कुछ जागरूक लोगों ने इस दुखी बेटी का हौंसला बढ़ाते हुए इसे सराहनीय प्रयास कहते हुए बेटी की प्रशंसा की हैं.  


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