शहडोल: मध्य प्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल (कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल) में नवजातों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते 60 घंटे के अंदर 5 बच्चों की मौत हो चुकी है, वहीं 26 नवंबर से अब तक यहां 13 बच्चे दम तोड़ चुके हैं. शनिवार को एक और बच्चे की मौत हो गई है. बच्चे को प्राइवेट क्लीनिक से जिला अस्पताल लाया गया था. इस मामले में सिविल सर्जन का कहना है कि बच्चा मृत अवस्था में ही आया था. वहीं प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टर का कहना है कि बच्चा गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल रेफर किया गया था.


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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्वाज ने की मीटिंग
शहडोल में बच्चों की लगातार हो रही मौतों से भोपाल तक हड़कंप मच गया. शनिवार सुबह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश की संचालक छवि भारद्वाज ने ऑनलाइन मीटिंग की, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ उप संचालक स्वास्थ्य ( रीवा) भी शामिल हुए. सूत्रों के अनुसार रिव्यू में यह माना गया कि बच्चों को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो उनकी जान बच सकती थी. इधर बच्चों की मौत के मामले में डिप्टी डायरेक्टर रीवा की अगुआई में जांच करने आई स्वास्थ्य महकमे की संभागीय टीम ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है.


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शहडोल अस्पताल भेजे गए 3 नए बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक
कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल में हो रहे मासूमों के मौते के मामले में 3 नए बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को पदस्थ किया गया है. कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश पांडे ने जयसिंहनगर में पदस्थ डॉ. राजेश तिवारी और मेडिकल कॉलेज शहडोल में पदस्थ डॉक्टर मनीष सिंह की ड्यूटी जिला चिकित्सालय के बाल्य रोग विभाग में लगाई है. इसके अलावा सेवानिवृत्त बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उमेश नामदेव को पुनर्नियुक्ति की शर्तों के अधीन जिला चिकित्सालय में ड्यूटी के आदेश जारी किए गए हैं. यह सभी चिकित्सक अब जिला चिकित्सालय शहडोल में अस्वस्थ बच्चों का इलाज करेंगे.


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फील्ड हेल्थ वर्कर्स को चैकन्ना रहने की सलाह, शुरू होगी ट्रेनिंग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश की संचालक छवि भारद्वाज ने फील्ड हेल्थ वर्कर्स का ट्रेनिंग प्रोग्राम फिर से शुरू कराए जाने के निर्देश दिए हैं. यह ट्रेनिंग प्रोग्राम कोरोना संक्रमण के बीच ठप पड़ गया था. उन्होंने निर्देश दिए कि आशा, ऊषा कार्यकर्ता व एनएनएम (National Nutrition Mission) सहित फील्ड हेल्थ वर्कर्स का पूरा अमला ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार पड़ रहे बच्चों पर विशेष नजर रखे. जो बच्चा बीमार पाया जाए उसे चिकित्सकीय मदद उपलब्ध कराएं और जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाएं. उन्होंने हेल्थ वर्कर्स द्वारा लोगों को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने और जागरूक करने पर भी जोर दिया. 


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