कोरबाः अक्सर शादियों में दूल्हा-दुल्हन को अपने जीवन की नई शुरुआत के लिए घर-गृहस्थी का सामान भेंट किया जाता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक समुदाय ऐसा भी है, जिनके यहां वर-वधु को भेंट स्वरूप दहेज के साथ जहरीले सांप दिए जाते है. जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर सोहागपुर गांव में रहने वाली संवरा (सपेरा समुदाय) जनजाति, जो यहां पिछले 40 सालों से रह रही है. उनके यहां शादी में जहरीले सांप देने की परंपरा है. रोजगार का दूसरा साधन न होने की वजह से उनके पूर्वजों ने इसे रिवाज का दे दिया है, ताकि वर-वधु के पास रोजगार का साधन रहे.


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सांप के बिना के शादी नहीं
छत्तीसगढ़ में वैसे तो अनेक जनजातियां निवास करती है, लेकिन संवरा समुदाय की जनजाति के यहां सांप जीविकोपार्जन का एक जरिया है. उनके यहां रिवाज है कि शादी में लड़की को दहेज के साथ 2 से 10 जहरीले सांप भेट किए जाते हैं. संपेरा समुदाय के मुखिया ने बताया कि अगर शादी में सांप नहीं दिए जाते है, तो शादी भी संपन्न नहीं मानी जाती है.


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उन्होंने बताया कि सांप का इंतेजाम नहीं होने से किसी ओर से सांप मांगकर दहेज दिया जाता है और फिर ही शादी संपन्न मानी जाती है. इस सपेरा जनजाति के यहां बचपन से ही सांपों के साथ रहना और दोस्ती करना सिखा दिया जाता है. ऐसे ही दो बच्चें इस फोटों में सांप को हाथों में उठाए खड़े हैं. जो कुछ देर पहले सांप के साथ खिलौनो की तरह खेल रहे थे.



सरकार से कोई सुविधा नहीं मिल रही
प्रदेश की संवरा जनजाति, यहां पिछले 40 सालों से रहती आ रही है, लेकिन मुखिया ने बताया कि इतने सालों में सरकार से कोई सहायता नहीं मिल पाई है. समुदाय के लोग इस कारण सांप पर ही रोजगार के लिए आश्रित है. सांप दिखाकर ये लोग अपने बच्चों का पेट पाल रहे हैं. इसी कारण इन्होंने शादी में सांप देने का रिवाज बनाया ताकि दूल्हा-दुल्हन सांप के माध्यम से ही अपना भरण-पोषण कर सके. 


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