आर बी सिंह/टीकमगढ़: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में एक डॉक्टर ने ऐसा कर दिखाया जिससे पूरे जिले में उनकी वाहवाही हो रही है. डॉक्टर ने एक युवक के हाथ से अलग हुए अंगूठे को वापस उसके हाथ से जोड़ दिया है. डॉक्टर ने इसके लिए पीआरपी (प्लेटलेट रिच प्लाज्मा) तरीका अपनाया है.


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डॉ. दीपक ओझा टीकमगढ़ के जिला अस्पताल में पदस्थ्य हैं. उन्होंने सीमित संसाधनों से ही हाथ के पंजे से अलग हुए अंगूठे को ऑपरेशन कर जोड़ दिया. जिससे घायल अरूण के अलावा उसके परिजन बेहद खुश हैं और डॉक्टर को दुआएं दे रहे हैं.


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मामला जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र के नंदनपुर गांव का है. गांव का 18 वर्षीय अरूण यादव पिछली 15 फरवरी 2021 को अपने ही गांव में लगी आटा चक्की पर गेहूं पिसाने गया था. जहां चक्की में गेहूं की बोरी उड़ेलते समय अचानक उसका हाथ चक्की के पट्टे में फंस गया और उसका अंगूठा हाथ से अलग हो गया. 


डॉक्टर ने मांगा कटा हुआ अंगूठा
आनन-फानन में परिजन अरूण को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां पर हड्डी विशेषज्ञ डॉ. दीपक ओझा को पहले तो कुछ समझ नहीं आया. फिर उन्होंने घायल के कटे हुए अंगूठे के बारे में पूछा तो परिजनों ने बताया कि अंगूठा चक्की के पट्टे में ही फंसा है. जिसे डॉक्टर ने तुरंत मंगवाया और ऑपरेशन शुरू किया. दो घंटे चले ऑपरेशन के बाद अरूण का अंगूठा हाथ में जोड़ने में सफलता हासिल हुई. 


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डॉ. ओझा ने बताया कि ऐसे केसेस में सावधानी बरतनी पड़ती है. मरीज के ऑपरेशन के लिए पीआरपी (प्लेटलेट रिच प्लाज्मा) मेथड को अपनाया गया है. अंगूठे के घाव में रक्त भरा गया, जिससे अंगूठे में आने वाली नस चल सके और रक्त का संचार हो सके. उन्होंने बताया कि जब मरीज के हाथ को देखा तो मुझे लगा कि इसे वापस जोड़ा जा सकता है.


बता दें कि डॉ. दीपक ओझा जिले के ऐसे पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने अपनी हिम्मत का परिचय देते हुए, सीमित संसाधनों में मरीज का अंगूठा बचाने का पूरा प्रयास किया है. 


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