संदीप मिश्रा/डिंडौरी:  मध्य प्रदेश में चावल घोटाले ने सभी को सकते में ला दिया है. वहीं अब डिंडौरी में मुर्दों को भी  सरकार द्वारा मुफ्त में राशन बांटने का मामला सामने आया है.सरकारी योजना के तहत मिलने वाले राशन की पात्रता पर्ची में कई ऐसे नाम दर्ज़ हैं जिनकी मौत सालों पहले हो चुकी है. 


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मृतकों के अलावा हजारों रुपये का वेतन पाने वाले सरकारी कर्मचारियों एवं धनवान लोगों के नाम से भी बकायदा बीपीएल राशन कार्ड बना हुआ है जिन्हें हर महीने सरकारी राशन दुकान से सस्ते दामों में राशन आवंटित किया जाता है जबकि जरूरतमंद गरीब पात्र व्यक्तियों को सरकारी योजना के तहत राशन नहीं मिल पा रहा है.ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से भी की है लेकिन अबतक अधिकारियों ने उनकी सुध नहीं ली है.


मामला समनापुर जनपद के कुकर्रामठ एवं खाम्हा ग्रामपंचायत का है जहां एक दो नहीं बल्कि दर्जनों मरे हुए लोगों के नाम राशन की पात्रता पर्ची में दर्ज़ है. वहीं खाम्हा ग्रामपंचायत में सरकारी शिक्षक तुलसीराम और विष्णु सिंह पिछले 20 सालों से सरकारी योजना के तहत राशन ले रहे हैं. इतना ही नहीं राशन दुकान संचालक मुरली सिंह ने खुद के नाम से राशन कार्ड बना रखा है. 


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खाम्हा गांव के लोगों ने बताया कि दुकान संचालक जरूरतमंद गरीब व्यक्तियों को कई कमियां बताकर राशन नहीं देता. वहीं राशन दुकान संचालक का कहना है कि मरे हुए व्यक्तियों का नाम काटने के लिए उन्होंने वरिष्ठ कार्यालय को जानकारी भेज दी है, लेकिन मृतकों के नाम आज भी राशन की पात्रता पर्ची में दर्ज़ हैं वहीँ राशन की पात्रता पर्ची में दर्ज़ मृतकों के नाम को लेकर जिला खाद्य अधिकारी गोलमोल बातें कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. 


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