ग्वालियर में मौत के 2 हफ्ते बाद मिला कांग्रेस नेता का सुसाइड नोट, चार पन्नों से होगा खुलासा
Suicide Note Of Amar Singh Mahor: खुदकुशी के दो हफ्ते बाद कांग्रेस लीडर अमर सिंह माहौर का सुसाइड नोट मिला है. सुसाइड नोट 4 पन्नों का है. इसी के आधार पर पुलिस आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई करेगी.
Suicide Note Of Congress Leader Amar Singh Mahor: ग्वालियर में कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अमर सिंह माहौर ने 2 सप्ताह पहले खुदकुशी कर ली थी. दो हफ्ते बाद आज पुलिस को सुसाइट नोट मिला है. मृतक अमर सिंह की बेटी ने थाने पहुंचकर उनके हाथ से लिखा हुआ चार पन्नों का सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा. इस सुसाइड नोट में वरिष्ठ अधिवक्ता अमर सिंह ने खुदकुशी के लिए संदीप सिंह चौहान पुत्र चंद्रभान सिंह चौहान को जिम्मेदार ठहराया है.
जिस संदीप सिंह पर खुदकुशी का आरोप लगा है, वो थाटीपुर का निवासी है और पेशे से प्रॉप्रटी डीलर है. संदीप सिंह चौहान पर 7 बीघा जमीन के नामांकन आदि के गलत दस्तावेज के लिए धोखे से नोटरी कराने का आरोप लगाया गया है.
डिप्रेशन के चलते की खुदकुशी
पदमपुर खेरिया निवासी भूस्वामी धारा सिंह ने 26 नवंबर को न्यायालय के आदेश पर संदीप सिंह चौहान और अमर सिंह माहौर के विरुद्ध फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नामांकन कराने का केस दर्ज कराया था. इस मामले में MP हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने दो दिन पहले ही आरोपी अमर सिंह माहौर को अग्रिम जमानत दी थी. इसी के चलते अमर सिंह माहौर डिप्रेशन में चल रहे थे. डिप्रेशन के चलते ही 12 दिसंबर को अमर सिंह माहौर ने घर में फांसी लगा ली. फिलहाल माधोगंज थाना पुलिस सुसाइड नोट की जांच करा रही है.
जानिए किसे ठहराया जिम्मेदार
सुसाइड नोट के अनुसार, अमर सिंह माहौर ने जमीन डील और नोटरी कार्य से जुड़े षड्यंत्र का उल्लेख किया है. जिसके चलते उन्होंने डिप्रेशन में आकर खुदकुशी कर ली. अमर सिंह ने अपनी खुदकुशी के लिए संदीप सिंह चौहान के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी जिम्मेदार ठहराया है. सुसाइड नोट में अमर सिंह ने लिखा कि धारा सिंह लोधी और संदीप सिंह चौहान के बीच जमीन की डील और लेन-देन से उनका कोई व्यक्तिगत या आर्थिक लाभ नहीं था. संदीप सिंह चौहान का यह धोखा और कपट मेरे मृत्यु के लिए जिम्मेदार है. संदीप सिंह ने कलेक्टर परिसर के किसी व्यक्ति के साथ मिलकर मेरे साथ षड्यंत्र किया. इसके साथ ही उन्होंने सुसाइड नोट में यह भी जिक्र किया है कि उनकी व्यक्तिगत शत्रुता किसी से नहीं है और उन्होंने अपनी मृत्यु को इस संकट से उबारने का एकमात्र तरीका मान लिया.
रिपोर्ट- करतार सिंह राजपुत, ग्वालियर, जी मीडिया
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