Arthritis me Bachav: उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती है. रोगों से लड़ने की क्षमता में कमजोरी आने लगती है जिसके कारण हमें कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. आर्थराइटिस भी ऐसी ही बीमारियों में से एक है जिसमें मरीज को असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है. जाने इसका कारण, घरेलू बचाव के तरीके और खासकर सर्दियों में होने वाले इस दर्द से बचने के उपाय.    


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आर्थराइटिस शरीर में जोड़ों पर असर डालता है. कई बार तो यह एक ही समय पर शरीर के कई ज्वाइंट्स को अपनी चपेट में ले सकता है. यह बीमारी खासकर कलाई, हाथ, घुटने और कूल्हे के जोड़ों में देखने को मिलती है. हालांकि, यह शरीर के किसी भी हिस्से के जोड़ में हो सकता है. 


आर्थराइटिस कई कारणों से हो सकता है:-


-यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. 50-60 से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा सबसे अधिक होता है.
-ज्यादातर मामलों में ये जेनेटिक होता है.  माता या पिता को अर्थराइटिस होता है तो उनके बच्चों में यह होने का खतरा हो सकता है.
-रिसर्च के हिसाब से पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आर्थराइटिस के मामले अधिक देखे जाते हैं.
-सिगरेट का सेवन करने से अनेक तरह की बीमारियां हो सकती हैं उसी में आर्थराइटिस भी उन्हीं में से एक है.


रूमेटाइड आर्थराइटिस के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:-
-वजन घटना, बुखार आना, कमजोरी होना, कम भूख लगना, अधिक पसीना आना, थकान महसूस करना, शरीर के किसी एक हिस्से में दर्द होना, आखें प्रभावित होती हैं, जोड़ों में सूजन आना, फेफड़ें पर असर होने पर सीने में दर्द होना, शरीर के एक से अधिक जोड़ों में अकड़न होना, दोनों हाथों या दोनों घुटनों में एक जैसे लक्षण दिखाई देना, अगर ऊपर दिए हुए लक्षणों को अनुभव करते हैं तो आपको जल्द से जल्द एक विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलना चाहिए.


अर्थराइटिस से बचने के उपाय (Prevention)
- अर्थराइटिस होने का कारण यूरिक एसिड बढ़ना है, इसलिए इसे बढ़ने से रोकने के उपाय करना. यूरिक एसिड बढ़ने पर उचित मात्रा में पानी पीना चाहिए.
-खाने में जैतून तेल का इस्तेमाल करें. यह सभी के लिए लाभदायक है तथा इसमें विटामिन-ई की भरपूर मात्रा होती है जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करता है.
-ब्लैक बेरी और चेरी का जूस में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया रोग में फायदेमंद होता है.
-पपीते के फल का सेवन करें इसमें मौजूद पैपिन एंजाइम जोड़ों में आई सूजन को दूर करता है.
-अनानास में मौजूद एंजाइम ब्रोमेलेन में सूजनरोधी गुण होते हैं साथ ही यह यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स  को तोड़ने में मदद करता है.
-फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें जैसे; ब्रोकली, मक्का आदि.
-नाश्ते में लौकी के जूस का सेवन करें.
–गाजर और चुकंदर का जूस यूरिक एसिड को कम करता है.
-ताजे फलों एवं सब्जियों का सेवन करें.
-मांसाहार एवं अंडा आदि बिल्कुल नहीं खाना चाहिए.
-शराब का सेवन ना करें.
-दूध एवं दाल का सेवन न करें, यदि दाल का सेवन करना हो तो छिलके वाली दाल का सेवन करें.
–दही, चावल, अचार, सूखे मेवे, दाल, पालक, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों का सेवन न करें. ये सब चीजें यूरिक एसिड की समस्या को बढ़ाती हैं.


अर्थराइटिस को बढ़ने से रोकने के लिए घरेलू उपचार (Home remedies)
-लहसुन को रोजाना गर्म पानी के साथ सेवन करें, यह गठिया रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता है.
-मेथी को अंकुरित करके रोजाना खाने से जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है.
-अजवाइन और अदरक का एक साथ सेवन करें. आधे गिलास पानी में सुबह-शाम दिन में उबाल कर दो बार पिएं.  इससे पसीना आता है जो शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद मिलती है.
-धनिया से अर्थराइटिस के दर्द से राहत मिलती है.
-हल्दी दूध के सेवन से भी अर्थराइटिस के दर्द में राहत मिलती है .  


Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE MEDIA  इसकी पुष्टि नहीं करता है.