MP Junior Doctors: मध्य प्रदेश में जूनियर डॅाक्टर आज हड़ताल पर रहेंगे. स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा सकती है. जूनियर डॅाक्टर अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. ऐसे में आज दो घंटे डॅाक्टर अपनी सेवाएं नहीं देंगे, जिसकी वजह से मरीजों को और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इन मांगों को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन
- जूनियर डॉक्टरों ने मांग की है कि उनका मासिक स्टाइपेंड 1 लाख प्रति माह हो व सालाना वेतन वृद्धि का रुका काम पूरा हो.
- मध्यप्रदेश में चिकित्सा से शिक्षा की फीस बाकी राज्यों की तरह ही 10 से 15 हजार की जाए व यूनिवर्सिटी की फीस कम हो
- मध्यप्रदेश के सभी जूनियर डॉक्टरों को 5 साल का स्वास्थ्य बीमा मिले
-  मध्यप्रदेश से रूरल सर्विस बॉन्ड को खत्म किया जाए. वहीं अगर कोई चिकित्सक रूरल सर्विस पर जाता है तो उसको अतिरिक्त पचास हजार रुपए देने की मांग की है.


रूरल सर्विस बॉन्ड को लेकर विरोध
बता दें कि रूरल सर्विस बॉन्ड वालेडॉक्टरों को फिलहाल 59 हजार रुपये मिलते हैं. जबकि शहर में SRship (Senior Resident Ship) करने वाले डॉक्टर्स को 80 हजार रुपये वेतन मिलता है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सर्विस देने वाले डॉक्टरों को काफी नुकसान है क्योंकि छात्रों को असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अलग से SRship करनी पड़ती है. जूडा इस बॉन्ड को समाप्त कराने की मांग कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक शनिवार को जूडा एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को भी अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था.


सरकार ने स्टाइपेंड बढ़ाने का आदेश किया जारी 
सरकार ने स्टाइपेंड बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है. इसके साथ ही सरकार ने चार अन्य मांगों पर टीम बनाकर निर्णय लेने का आश्वासन भी दिया है. आपको बता दें कि स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर गांधी मेडिकल कॉलेज समेत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को दो घंटे तक काम बंद कर दिया था और हड़ताल पर चले गये थे. जूनियर डॉक्टर 4 दिनों से काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. जूनियर डॉक्टरों के फैसले के बाद मरीजों की परेशानी बढ़ गयी थी.  गौरतलब है कि नवंबर 2022 से सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पीजी करने वाले मेडिकल छात्रों (जूनियर डॉक्टरों) के स्टाइपेंड में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.