महेंद्र दुबे/दमोह: मध्यप्रदेश में प्रशासनिक बदइंतजामी थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बदइंतजामी ने एक बार फिर दमोह जिले में हजारों बोरी धान तबाह कर दिया. बारिश में खुले में रखा गया हजारों बोरी धान भीगने से खराब हो गया. कलेक्टर का कहना है कि अधिकारियों को इस संबंध में पहले ही निर्देश दिए गए थे. कलेक्टर को जब इसके बारे में पता लगा तो उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई की बात कही.


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मध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने अलर्ट किया था कि कई जिलों में बारिश हो सकती है. इन जिलों में दमोह में भी शामिल था. जिले भर में चल रही धान खरीदी को लेकर सभी क्रय केंद्रों के प्रभारियों को भी अलर्ट किया गया था. बारिश की संभावना को देखते हुए अनाज भीगने ने पाए इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने के निर्देश भी दिए गए थे. लेकिन इन निर्देशों का अधिकारियों पर कोई असर पड़ा. दमोह जिले के कई क्रय केंद्रों पर हजारों बोरी धान खुले आसमान के नीचे रखा गया था, जो बारिश में भीग कर बर्बाद हो गया. 


दमोह के तेंदूखेड़ा और जबेरा ब्लॉक में एक या दो नहीं बल्कि आधा दर्जन क्रय केंद्रों पर ऐसे ही खुले आसमान के नीचे धान की बोरियां भीगती रहीं और जिम्मेदार अधिकारी तमाशा देखते रहे. कुछ क्रय केंद्रों पर धान की बोरियों के ढेरों पर औपचारिकता के लिए पॉलीथिन डाली गई. लेकिन जमीन से बहाव में आने वाला बारिश का पानी धान को तबाह कर गया. 


दमोह जिले में बदइंतजामी का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि आये दिन प्रशासन की लापरवाही सामने आती रहती है. कुछ दिन पहले ही खुले आसमान के नीचे रखा हजारों टन यूरिया बारिश की भेंट चढ़ा गया था. अब हजारों क्विंटल धान प्रशासनिक लापरवाही के कारण बर्बाद हो गया. अलर्ट के बाद भी कलेक्टर के निर्देशों को जिम्मेदार अधिकारियों ने अनसुना किया. इस तरह की लापरवाही बताती है कि दमोह में सरकारी क्रय समितियों को किसानों की मेहनत की कद्र बिल्कुल नहीं है.