7 Deaths In Past 24 Hours In Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 24 घंटे में मौत के 7 मामले दर्ज होने से सनसनी फैल गई है. सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि इन 7 मामलों में 4 केस आत्महत्या के हैं. वहीं, एक पुलिस जवान की साइलेंट हार्ट अटैक के कारण मौत हुई, जबकि एक महिला का शव कुएं में मिला है. एक दिन में 7 मौत के मामलों ने प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है. साथ ही सवाल भी उठने लगे हैं कि जिंदगी की कीमत क्या है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट- 


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इंदौर में बढ़े आत्महत्या के मामले
इंदौर में आत्महत्या की दर में वृद्धि चिंता का विषय बन गई है. पिछले 24 घंटों में 4 लोगों ने आत्महत्या कर ली. इनमें से अधिकांश मामले डिप्रेशन से जुड़े हुए हैं. इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र के नंदबाग इलाके में एक छात्र द्वारा जहर खाने का मामला सामने आया. दरअसल,  छात्र को मोबाइल पर पबजी गेम खेलने से मना करने और मोबाइल छीनने पर उसने यह कदम उठा लिया. जानकारी के मुताबित,  परिजनों ने उसकी मोबाइल पर गेम खेलने की लत को छुड़वाने के लिए उसका मोबाइल पैतृक गांव भेज दिया था. ऐसे में मोबाइल पर गेम न खेल पाने के कारण छात्र असहज महसूस करने लगा और अपनी इसी असहजता के प्रभाव में आकर उसने जहर खा लिया. 


युवक ने लगाई फांसी
दूसरा मामला इंदौर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र का है. यहां एक युवक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. खुदकुशी से पहले उसने अपने बड़े भाई को WhatsApp पर मैसेज किया- 'महांकाल मुझे बुला रहे हैं, मेरी समस्या का हल महाकाल के पास है'. इसके बाद युवक ने फांसी लगा ली. 


बिल्डिंग से कूदा छात्र
तीसरा मामला इंदौर के एबी रोड स्थित प्राइवेट हॉस्टल का है. यहां एक छात्र ने बिल्डिंग की 5वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी. प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला कि छात्र डिप्रेशन का शिकार था. छात्र ने अंग्रेजी में एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उसने 'आई एम कमिंग सून' की बात लिखी. 


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बुजुर्ग ने लगाई फांसी
चौथा मामला चंदन नगर थाना क्षेत्र का है. यहां एक 65 साल के शख्स ने फांसी लगा ली. जानकारी के मुताबिक जब घर के सभी सदस्य बाहर गए हुए थे तब बुजुर्ग ने दूसरी मंजिल पर फांसी लगा ली. अब तक फांसी लगाने के कारण का खुलासा नहीं हुआ है. 


साइलेंट हार्ट अटैक
इसके अलावा इंदौर के संयोगितागंज थाना इलाके में जज के बंगले पर ड्यूटी के दौरान एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई. मृतक का नाम सोनाहलाल पंवार है, जो भोपाल की 23वीं बटालियन में थे. उनकी ड्यूटी इंदौर में चल रही थी. वह रोजाना की तरह वह बंगले पर ड्यूटी कर रहे थे. इस दौरान कुर्सी पर बैठे-बैठे ही अचानक उन्हें साइलेंट हार्ट अटैक आ गया. जब काफी देर तक वह नहीं उठे तो उनके साथियों ने उन्हें उठाने को कोशिश की. तब उनकी मौत के बारे में पता चला. 


महिला और बेटी की मिली लाश
वहीं, एक मामला गर्भवती महिला और तीन साल की बेटी की लाश मिलने का है. दोनों के शव कुएं से मिले हैं, जिसके बाद सनसनी फैल गई. इस मामले में महिला के मायके पक्ष ने ससुराल वालों पर मारकर फेंकने का आरोप लगाया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.


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मनोचिकित्सक ने क्या कहा?
इंदौर में लगातार हुई आत्महत्या की घटनाओं पर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. ईला गुप्ता ने कहा कि सिजोफेनिया और साइकॉटिक डिसआर्डर की वजह से ऐसे केस सामने आए हैं. इससे हमारे ब्रेन में विचार तेजी से चलने लग जाते हैं. ऐसी स्थिति में सोचने-समझने की शक्ति कम होती है और व्यक्ति अपने विचारों की अपनी दुनिया बना लेता है. ये मेडिकल ईशू है, इसलिए ऐसी स्थिति में परिवार के लोगों को तुरंत साइकोलॉजिस्ट या डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए. साथ ही हार्मफुल चीजों को उनके पास नहीं रखना चाहिए. मोबाइल एडिक्शन की वजह से भी खासकर बच्चों और युवाओं में खुदकुशी की घटनाएं बढ़ी है. मोबाइल पास नहीं होने से एंजाइटी होती है. इस ओर सामूहिक प्रयास से ध्यान देने की जरूरत है.


इनपुट- इंदौर से शिव मोहन शर्मा की रिपोर्ट, ZEE मीडिया