मध्य प्रदेश में एक बार फिर पूर्व विधायकों की पेंश बढ़ाने की मांग जोर पकड़ती नजर आ रही है. इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कई पूर्व विधायकों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला दिया है. हालांकि अगर पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ती है तो फिर इससे मध्य प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है. बता दें कि मध्य प्रदेश में लंबे समय से पूर्व विधायक पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. 


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सीएम मोहन को पहुंचा पत्र 


इंदौर पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा पूर्व विधायकों का संगठन समय-समय पर उनसे मुलाकात करता रहता है, कुछ दिन पहले भी उनके संगठन ने मुलाकात की थी, जिसमें पेंशन बढ़ाने की मांग हुई थी. ऐसे में इस मामले में हमने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है. पत्र में बताया गया है कि हाल ही में सरकार ने महापौर, पार्षद, सरपंच, पंच के अलावा नगरीय निकायों में भी जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्तों में सरकार ने बढ़ोत्तरी कर दी है. लेकिन पिछले आठ सालों से पूर्व विधायकों की पेंशन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, जबकि आज के वक्त में मध्य प्रदेश में कई पूर्व विधायकों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, ऐसे में दूसरे राज्यों में जिस तरह से पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाई गई है, उसी तरह से मध्य प्रदेश में भी पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़नी चाहिए. 


दरअसल, पूर्व विधायक मंडल में उपाध्यक्ष भगवान सिंह यादव ने भी विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा था. जिसमें महंगाई का जिक्र किया गया है. उनका कहना है कि आज के वक्त में पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ दूसरी सभी चीजों के दाम बढ़ गए हैं. लेकिन जिस तरह से महंगाई बढ़ी है. उस तरह से अब तक पेंशन में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. इसलिए पेंशन बढ़ाई जानी चाहिए. क्योंकि पूर्व विधायकों के पिछले तीन सम्मेलनों में भी यही मांग रखी गई थी, लेकिन पेंशन वृद्धि नहीं हुई है. 


मध्य प्रदेश पर बढ़ सकता है बोझ 


मध्य प्रदेश में अगर पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ती है तो इसका आर्थिक बोझ प्रदेश पर बढ़ेगा. हालांकि अब तक सरकार ने इस मामले में कोई बड़ी घोषणा नहीं की है. लेकिन प्रदेश में पेंशन बढ़ाने की मांग लंबे समय से चल रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश में पूर्व विधायकों को हर महीने 35 हजार रुपए पेंशन के तौर पर मिलता है. जबकि उनका एक कार्यकाल पूरा होने के बाद दूसरे कार्यकाल में हर साल 800 रुपए की बढ़ोतरी भी होती है, यानि अगर कोई विधायक दो कार्यकाल पूरे कर लेता है तो पेंशन करीब 39 हजार रुपए के पास पहुंच जाती है. हालांकि, विधायकों को यह पेंशन तब मिलती है जब वे विधायक नहीं होते हैं. 


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