LG मनोज सिन्हा बोले- J&K में पीस, प्रॉस्पेरिटी और डवलपमेंट तीन मंत्र, अगले 3 साल में आएगा 30 हजार करोड़ का निवेश
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का ZEE मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के एडिटर दिलीप तिवारी ने SUPER EXCLUSIVE इंटरव्यू किया. इस इंटरव्यू के दौरान एलजी मनोज सिन्हा ने धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में आए बदलाव... भविष्य में विकास की योजना आदि अहम मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की.
श्रीनगरः जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का ZEE मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के एडिटर दिलीप तिवारी ने SUPER EXCLUSIVE इंटरव्यू किया. इस इंटरव्यू के दौरान एलजी मनोज सिन्हा ने धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में आए बदलाव... भविष्य में विकास की योजना आदि अहम मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की.
सवालः जम्मू कश्मीर की वादियों से दुनिया को देखना और जम्मू कश्मीर की नजर से जम्मू कश्मीर को देखना कैसा लगता है?
जवाबः जम्मू कश्मीर सिर्फ प्राकृतिक दृष्टि से ही खूबसूरत नहीं है बल्कि यहां के लोग भी उम्दा किस्म के हैं...टैलेंट बहुत है. बाहर के लोगों में सही बात ना पहुंच पाने के कारण थोड़ा भ्रम होगा लेकिन जो लोग यहां रह रहे हैं वह भी महसूस कर रहे हैं अब परिवर्तन की नई हवा यहां बहने लगी है.
सवालः जम्मू कश्मीर को लेकर आम धारणा है कि आतंकवाद है, सबकुछ ठीक नहीं है. भ्रष्टाचार बहुत है. यहां जो सत्ताधारी लोग थे उन्होंने अपने आप को भ्रष्टाचार में डुबो दिया. जनता का भला नहीं किया. अब चूंकि आप यहां एलजी के पद पर हैं. आपने जम्मू कश्मीर में क्या देखा 3 महीने में?
जवाबः जम्मू कश्मीर का जो बजट है वह अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा है और समय समय पर केन्द्र सरकार ने भी यहां काफी आर्थिक मदद दी है. लेकिन जितनी मदद मिली है उतना काम यहां किन्हीं कारणों से नहीं हुआ है. अब समय आ गया है कि उसे तेज गति दी जाए. इंडस्ट्री ना होने के कारण यहां के लोग रोजगार के लिए सरकारी नौकरी पर ही निर्भर हैं. देश के बाकी हिस्सों में जिस तरह से तेज गति से विकास हुआ, वैसा जम्मू कश्मीर में नहीं हो सका.
बीते कुछ समय में कोरोना का भी प्रभाव रहा है. लेकिन अब यहां विकास ने रफ्तार पकड़ ली है. हमारा विजन साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति. विकास की दृष्टि से जम्मू कश्मीर अन्य राज्यों की तुलना में समकक्ष या उससे ऊपर खड़ा हो सके. यहां रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके बन सकें. इस दिशा में हम जम्मू कश्मीर को आगे ले जाना चाहते हैं. पीस, प्रॉस्पेरिटी और डवलेपमेंट जम्मू कश्मीर के तीन मंत्र हैं.
जहां तक आतंकवाद और सुरक्षाबलों का सवाल है तो पहले की तुलना में आतंकवाद पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है. घुसपैठ पर लगभग रोक लगाने में हमारे सुरक्षाबल सफल रहे हैं. अभी लोकतंत्र का महापर्व संपन्न हुआ है. हमें खुशी है कि स्वतंत्रतापूर्वक, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव हुआ. पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ा है और एक मतदान कर्मी चोटिल भी नहीं हुआ है. पड़ोसी देशों की साजिशों के बावजूद हमने शांतिपूर्ण चुनाव कराया है.
सवालः लोग कह रहे हैं कि धारा 370 हटने के बाद पहली बार जनता का लोकतंत्र में इतना बड़ा विश्वास, जो डीडीसी चुनाव में दिखा है, यहां के लोकतंत्र के लिए नई रोशनी है?
जवाबः ये नई रोशनी नहीं बल्कि नया सवेरा है. रोशनी शब्द का मैं यहां इस्तेमाल नहीं करुंगा क्योंकि रोशनी के यहां कई अर्थ हैं! मैं इसे नया सवेरा मानता हूं.
सवालः रोशनी एक्ट के जरिए बड़े-बड़े नेताओं ने अपने घर में उजाला करने का काम किया, रिव्यू पिटीशन भी आयी है. आप भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं. जम्मू कश्मीर के जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगते हैं कि वह इसके बजट को खा गए?
जवाबः मेरा इस पर जवाब देना उचित नहीं होगा, इसका जवाब जनता देगी. लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जो भी कानून के दायरे में आएगा वह बचेगा नहीं, चाहे जितना बड़ा हो.
सवालः जम्मू कश्मीर में बेरोजगारी बड़ी चुनौती है. आप भी मानते हैं कि जम्मू कश्मीर में बहुत संभावनाएं हैं और इसका बजट भी बड़ा है. ऐसे में सरकार का रोडमैप क्या है? पीएम ने डेवलेपमेंट पैकेज का ऐलान 2015 में किया था, उसे काफी समय हो गया है. ये कैसे बदलेगा?
जवाबः कोरोना के चलते विकास की गति थोड़ी कम हुई थी लेकिन पिछले 3 माह में विकास की गति तेज हुई है. 54 प्रोजेक्ट में से 20 पूरे हो चुके हैं और जो बचे हैं वो जून तक पूरे कर लिए जाएंगे. जो बड़ी परियोजनाएं हैं वो 2022 तक पूरी कर ली जाएंगी. इसके अलावा पीएम ने यहां के लिए 2 एम्स, 5 मेडिकल कॉलेज, एनआईटी, आईआईटी और आईआईएम, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस देने का ऐलान किया है. इनका काम भी समय के भीतर पूरा हो जाएगा.
सवालः कश्मीर के युवाओं को आपसे बहुत उम्मीदें हैं. आप उनकी उम्मीदों को कैसे पूरा करेंगे?
जवाबः हमने तीन-चार मोर्चे पर काम शुरू किया है. इसके तहत नई शिक्षा नीति को यहां लागू करने के टास्क फोर्स बनायी गई हैं. दूसरी बात यहां जो नौकरियां सरकारी क्षेत्र में हैं उनका विज्ञापन देकर समय सीमा के भीतर भर्तियां की जा रही है. अगले 6 महीने में हम 25 हजार सरकारी नौकरियां दे देंगे. लेकिन केवल सरकारी नौकरियां ही यहां पर्याप्त नहीं है इसलिए यहां औद्योगिकरण की नीति जल्द ही लायी जा सकती है, जिस पर काम चल रहा है. वित्त मंत्रालय ने उसे मंजूरी दे दी है जल्द ही केन्द्र सरकार की कैबिनेट भी इसे मंजूरी दे सकती है.
आने वाले 2-3 वर्षों में जम्मू कश्मीर में करीब 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश आएगा. उसके लिए इंडस्ट्रियल पार्क के लिए 3 हजार एकड़ का लैंड बैंक बनाया जा चुका है और बाकी 3 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की जा चुकी है. जिसे जल्द ही अधिग्रहित कर लिया जाएगा.
जम्मू कश्मीर के विकास के लिए जो रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें इंडस्ट्री, अकादमी, सोशल सेक्टर के लोग भी शामिल किए गए हैं. सभी लोग यहां कुछ ना कुछ कर रहे हैं. अभी टाटा ने बारामूला में एक स्किल डेवलेपमेंट सेंटर की शुरुआत हुई है. जनवरी में जम्मू में भी ऐसा ही सेंटर शुरू होगा. अशोक लीलैंड वाले मोटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बना रहे हैं. इनके अलावा आईसीआईसीआई, विप्रो, हिंदुजा, अडानी, अंबानी आदि ग्रुप भी यहां कुछ ना कुछ कर रहे हैं.
युवाओं को खेल, कला, संस्कृति से जोड़ने की योजना है. इसके लिए कई योजनाएं शुरू की जा रही हैं. 2025 तक राज्य के 80 फीसदी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना है.
सवालः महबूबा मुफ्ती कह रही हैं कि नए लैंड एक्ट से पूरे हिंदुस्तान के लोग यहां आकर कब्जा कर लेंगे. आपका इस पर क्या कहना है?
जवाबः नए कानून से यहां की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाला कानून है. जिस तरह से उत्तराखंड में वहां के स्थानीय लोगों के अधिकार सुरक्षित किए गए हैं, वैसे ही यहां भी सुरक्षित किए जाएंगे. आम लोगों के लिए अच्छे निजी अस्पताल, शिक्षण संस्थान ना बने, ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.
सवालः फारुख अब्दुल्ला के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संपत्ति जब्त की है, वह उसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं?
जवाबः यह ईडी की कार्रवाई है और इसे बदले की कार्रवाई कहना गलत है. जिसने गलत नहीं किया उसे डरने की जरुरत नहीं है.
सवालः फारुख अब्दुल्ला चीन से मदद लेने की बात कर रहे हैं?
जवाबः यह देश का अंदरुनी मामला है और देश में किसी कानून को लागू करना या उसे हटाना यह संसद का काम है. संसद के बिना यह काम नहीं होने वाला है. बाकी दिल बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है.
सवालः कश्मीरी पंडितों की घर वापसी कब होगी?
जवाबः तमाम प्रयास के बावजूद अभी तक उन्हें यहां नहीं बसाया जा सका है. अगले दो साल में हम उनके लिए घर बना देंगे और 6 महीने में उन्हें नौकरी भी दे देंगे. माहौल भी सकारात्मक बन रहा है. जिसके बाद कश्मीरी पंडितों की वापसी सुनिश्चित हो सकेगी.
सवालः आतंकवादियों की तरफ से भाजपा के लोगों को निशाना बनाया गया था, आपका इस पर क्या कहना है?
जवाबः एक दो घटनाएं हुई थीं लेकिन अब सुरक्षाबल चौकन्ने हैं और अब ऐसी घटनाओं पर रोक लगी है.
सवालः चाइना और पाकिस्तान का गठजोड़ खतरनाक संकेत है, हालांकि पीएम मोदी, एनएसए और सुरक्षा अधिकारी कह चुके हैं कि हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं. चूंकि आप यहां का प्रशासन देख रहे हैं तो आपका इस पर क्या कहना है?
जवाबः प्रधानमंत्री जी ने जो बात कही है वो फाइनल वर्ड हैं. हम पूरी तरह से सतर्क हैं. हमारी सेनाएं त्वरित गति से और मुंहतोड़ जवाब देती हैं. ऐसे में जम्मू कश्मीर और देश के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
सवालः डीडीसी चुनाव सफलतापूर्वक होना क्या हम लोकतंत्र के मजबूत होने की शुरुआत मान सकते है?
जवाबः घाटी में डीडीसी का कॉन्सेप्ट ही नहीं था. पहली बार यहां डीडीसी का चुनाव हुआ है. पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में यहां दोगुना मतदान हुआ है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पंचायती सिस्टम यहां बेहतर तरीके से काम करे. डिलिमिटेशन के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव भी होंगे. साथ ही चुनाव कब होगा यह चुनाव आयोग तय करेगा.
सवालः कश्मीर में फिल्म निर्माण को उद्योग का दर्जा देने की दिशा में सरकार की क्या योजना है?
जवाबः फिल्म जगत के लोग यहां आने शुरू हो गए हैं. हाल ही में इम्तियाज अली मुझसे मिलकर गए हैं और जल्द ही इस दिशा में काम शुरू कर दिए जाएंगे.
सवालः पहले जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं ?
जवाबः लद्दाख तो अब अलग हो गया है और अब उसके बारे में तो माथुर साहब बताएंगे लेकिन जम्मू और कश्मीर के साथ धर्म या किसी भी अन्य आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं होगा. राज्य में बिजली की जो शिकायतें रही हैं उन्हें भी दूर करने के लिए बिजली की खरीद की जा रही है. जिससे आने वाले दिनों में यहां बिजली की समस्या दूर की जाएगी.
सवालः टूरिज्म के रिवाईवल के लिए सरकार क्या कर रही है?
जवाबः गुलमर्ग और पहलगाम में यहां होटल खाली नहीं है. यहां पहले से ही टूरिज्म का रिवाईवल हो चुका है. यहां काफी संख्या में सैलानी आ रहे हैं. टूरिज्म के अलावा यहां हार्टिकल्चर और एग्रीकल्चर को भी बढ़ावा देने की सरकार की योजना है. खासकर सेब, केसर, अखरोट आदि के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना है.
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