शैलेंद्र सिंह/ग्वालियर: मध्य प्रदेश में आगामी दिनों में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं. अगर जौरा सीट को छोड़ दें तो बाकी बची हुई 15 सीटों पर संभवत: पूर्व विधायकों को ही टिकट दिया जाना है. पूर्व विधायकों को डर सताने लगा है कि जब वे उपचुनाव में वोट मांगने जाएंगे तो जनता उनसे 2018 के चुनाव में किए गए वादों का हिसाब न पूछने लगे. इसलिए अब इन्हें अपने क्षेत्र के विकास की चिंता सताने लगी है.


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पूर्व विधायकों ने मुख्यमंत्री से मांगा है 100 करोड़ का स्पेशल पैकेज
पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी और पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जो बड़े विकास कार्य कराए जाने हैं, उसकी सूची मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को सौंपकर जल्द से जल्द 100 करोड़ के स्पेशल पैकेज की मांग की है. इन तीनों नेताओं का निर्वाचन क्षेत्र ग्वालियर जिले में पड़ता है.


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उपचुनाव से ठीक पहले पैकेज की मांग पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है, ''बीजेपी तो कहती थी कि 15 साल में उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश में विकास की गंगा बहाई है और बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकालकर स्वर्णिम बनाया है. ऐसे में चुनाव के ठीक पहले इतने भारी भरकम पैकेज कि आखिर क्या जरूरत आन पड़ी है?''


आरपी सिंह ने कहा, ''यह सभी पूर्व विधायक आखिर किस हैसियत से मुख्यमंत्री से पैकेज मांग रहे हैं? पूर्व विधायक अपने क्षेत्रों में जिन कार्यों को आने वाले समय में कराने का वायदा कर रहे हैं, उसमें अधिकांश कार्य ऐसे हैं जो कांग्रेस शासनकाल में प्रस्तावित थे या स्वीकृत हो चुके थे. ये लोग बीजेपी पहुंच गए हैं तो उन कार्यों को अपना बताकर राजनीति फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं.''


प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के सिर मढ़ा दोष
पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता से तमाम वादे किए थे. लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने फंड न होने का हवाला देकर विकास कार्यो को रोक दिया था. उन्होंने कहा, ''अब चूंकि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. मैं चाहता हूं कि ग्वालियर का विकास हो. यही कारण है कि मैंने और अन्य साथियों ने मुख्यमंत्री जी से 100 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की मांग की है.''


प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा, ''इस स्पेशल पैकेज से स्वर्ण रेखा और मुरार नदी पर एलिवेटेड रोड, जयारोग्य अस्पताल में सुविधाएं बेहतर करने के साथ अन्य कई काम होने हैं. पूरे मध्य प्रदेश में जिन-जिन स्थानों पर उपचुनाव होने हैं, उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में 25-25 करोड़ से विकास कार्य शुरू किए जाएंगे.''


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मुख्यमंत्री ने अपने ओएसडी को सौंपी विकास कार्यों की मॉनि​टरिंग
ग्वालियर-चंबल संभाग में उपचुनाव की 16 सीटें हैं. तोमर के बयान के मुताबिक  ग्वालियर-चंबल संभाग को 400 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात मिलने की उम्मीद है. ग्वालियर के पूर्व कमिश्नर बीएम शर्मा जो अब मुख्यमंत्री के ओएसडी (Officer on Special Duty) हैं, को इन विधानसभा क्षेत्रों में शुरू होने जा रहे विकास कार्यों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह विकास कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री शिवराज को सौंपेंगे.


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