Amavasya 2024: इस साल कब-कब पड़ रही हैं अमावस्या, तुरंत सेव कर लें डेट और उपाय
Amavasya List 2024: सनातन धर्म में अमावस्या का बहुत महत्व है. हर महीने में एक अमावस्या आती है. इस दिन कुछ उपाय करने से जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कि साल 2024 में किस महीने में किस दिन अमावस्या है-
Amavasya Calendar 2024: हर महीने आने वाली अमावस्या का सनातन धर्म में काफी महत्व है. साल में 12 महीने होते हैं और हर महीने एक बार अमावस्या आती है. सनातन धर्म में इस तिथि पर पितृदेव के लिए स्नान और दान का प्रावधान है. इसे बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन स्नान और दान करने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं. इस दिन धार्मिक कार्य करने से पितृ दोष से राहत मिलती है. तो आइए जानते हैं कि नए साल में हर महीने किस-किस दिन अमावस्या है-
जानें 2024 में कब-कब है अमावस्या
1. पौष अमावस्या शुरू - 11 जनवरी
2. माघ अमावस्या - 9 फरवरी 2024
3. फाल्गुन अमावस्या - 10 मार्च 2024
4. चैत्र अमावस्या - 8 अप्रैल 2024
5. वैशाख अमावस्या - 7 मई 2024
6. ज्येष्ठा अमावस्या - 6 जून 2024
7. आषाढ़ अमावस्या - 5 जुलाई 2024
8. सावन अमावस्या - 4 अगस्त 2024
9. भाद्रपद अमावस्या - 2 सितंबर 2024
10. अश्विन अमावस्या - 2 अक्टूबर 2024
11. कार्तिक अमावस्या - 1 नवंबर 2024
12.मार्गशीर्ष अमावस्या - 1 दिसंबर 2024
साल भर की अमावस्या का शुभ मुहूर्त
- 11 जनवरी (पौष अमावस्या )- यह 10 जनवरी की रात 8.10 बजे प्रारंभ होगी और 11 जनवरी की शाम 5.26 मिनट तक रहेगी.
- 9 फरवरी (माघ अमावस्या)- 9 फरवरी को सुबह सुबह 8.02 बजे से शाम 4.28 बजे तक रहेगी.
- 10 मार्च (फाल्गुन अमावस्या)- 9 मार्च को शाम 6.17 बजे से 10 मार्च को दोपहर 2.29 बजे तक.
- 8 अप्रैल (चैत्र अमावस्या )- 8 अप्रैल को सुबह 3. 21 बजे से रात 11. 50 बजे तक.
- 7 मई (वैशाख अमावस्या)- सुबह 11.40 बजे से 8 मई को सुबह 8.51 मिनट तक.
- 6 जून (ज्येष्ठ अमावस्या )- 5 जून की शाम 7.54 बजे से 6 जून को 6.07 बजे तक.
- 5 जुलाई (आषाढ़ अमावस्या)- 5 जुलाई को सुबह 4.57 बजे से 6 जुलाई को सुबह 4.26 बजे तक.
- 4 अगस्त (श्रावण अमावस्या )- 3 अगस्त को दोपहर 3.40 बजे से 4 अगस्त को शाम 4.42 बजे तक.
- 2 सितंबर (भाद्रपद अमावस्या) - 2 सितंबर को सुबह 5.21 बजे से 3 सितंबर सुबह 7. 24 बजे तक.
- 2 अक्टूबर (अश्विन अमावस्या)- 1 अक्टूबर की रात 9.39 बजे से 3 अक्टूबर को सुबह 12.18 बजे तक.
- 1 नवंबर (कार्तिक अमावस्या)- 31 अक्टूबर को दोपहर 3.52 बजे से 1 नवंबर को शाम 6.16 मिनट तक.
- 1 दिसंबर (मार्गशीर्ष अमावस्या)- 30 नवंबर की सुबह 10.29 बजे से 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट तक.
अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. साथ ही स्नान-दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. सूर्य देव को जल अर्पित करने और गरीबों को दान करने का भी विशेष महत्व है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee MPCG इसकी पुष्टि नहीं करता है.)