Basant Panchami: हिंदू धर्म में पूजा पाठ का काफी ज्यादा महत्व होता है. हर साल बसंत पंचमी त्योहार काफी ज्यादा मनाया जाता है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है. ये त्योहार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन पड़ता है. इस बार ये त्योहार कितनी तारीख को है इसका क्या शुभ मुहूर्त है जानते हैं. 


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सरस्वती पूजा 
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा की जाती है. इस बार बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाएगी,  सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को सुबह 7.10 से लेकर 12 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. 


बसंत पंचमी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी 4 ऋतुओं में बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है. बसंत पंचमी के दिन शीत ऋतु का समापन होता है औ वसंत ऋतु का आगमन होता है. इस ऋतु के आगमन के साथ ही खतों में फसलें लहलहाने लगती है और पेड़-पौधों में फूल खिलने लगते हैं, चारों तरफ खुशी का माहौल रहता है. 


पौराणिक मान्यता
साथ ही साथ पौराणिक मान्यता अनुसार सृष्टि के रचयिता ब्रम्हाजी मनुष्यों और जीवों की रचना के बाद देखा कि सृष्टि सूनसान और विरान नजर आ रही है. तब उन्होंने ब्रम्हा जी से अनुमति लेकर कमंडल से धरती पर जल छिड़का. कमंडल से निकलने वाले जल से अद्भुत शक्ति के रूप में मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ. मां सरस्वती के एक हाथ में वीणा और दूसरे में वर मुद्रा थी. 


ब्रम्हा जी ने इनसे वीणा बजाने को कहा, जिसके बाद जीव-जंतुओं में वाणी आई. वाणी के साथ-साथ मां सरस्वती ने मनुष्यों को ज्ञान और बुद्धि भी दी. इसी वजह से हर साल बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं, उन पर मां सरस्वती की विधिवत कृपा होती है और चारों तरफ से खुशहाली आती है.