Guru Nanak Jayanti: सिख समुदाय के लिए गुरु नानक की जयंती त्योहार के रुप में होता है. कार्तिक माह की पूर्णिमा की तिथि पर गुरु नानक देव का जन्म हुआ था,  गुरु नानक की जयंती के अवसर पर प्रकाश पर्व मनाया जाता है. इस दिन गुरुद्वारों में काफी ज्यादा चहल पहल रहती है. गुरुद्वारा रोशनी से नहाया रहता है. इस साल गुरुनानक देव की जयंती कब है, इसका क्या महत्व हैं आइए जानते हैं. 


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गुरुनानक देव 
गुरुनानक देव की जयंती पर प्रकाश पर्व मनाया जाता है. गुरु नानक देव को सिख धर्म के संस्थापक और सिखो के पहले गुरु थे. इनका जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा पर हुआ था. इनके पिता का नाम कल्याण या मेहता कालू जी और माता का नाम तृप्ती देवी था. इन्होंने 1521 तक यात्राएं की, इस दौरान उन्होंने देश विदेश में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरुक करने का काम किया. इन यात्राओं को पंजाबी में उदासियां के नाम से जाना जाता है. 


इतने दिन मनाया जाएगा पर्व 
गुरु नानक देव की जयंती पर प्रकाश पर्व मनाया जाता है. यह पर्व तीन दिनों तक चलता है. इन तीन दिनों में गुरुद्वारों में अखंड पाठ का आयोजन किया जाता है. जिसमें सिख धर्म के लोग गुरुद्वारा जाकर गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं, साथ ही साथ प्रभात फेरी भी होती है. 


दिया था नारा 
गुरुनानक देव ने इक ओंकार का नारा दिया था. जिसका मतलब होता है कि ईश्वर एक होता है. इक ओंकार सिख धर्म के मूल का प्रतीक होता है. जिसका अर्थ है कि परम् शक्ति एक ही है. ऐसा कहा जाता है कि गुरु नानक देव ने ही सबसे पहले लंगर प्रथा की शुरुआत की थी, जिसका पालन आज भी गुरद्वारों में किया जाता है. 


बता दें कि साल यानि की 2023 में 27 नवंबर गुरुनानक जयंती मनाई जाएगी. जिसको सिख समुदाय के लोग त्योहार की तरह मनाते हैं. लोगों में इस त्योहार को लेकर काफी ज्यादा उत्साह है.