Maa Narmada Birth Story: हिंदू धर्म में जिस तरह से मां गंगा को पवित्र माना जाता है, उतना ही मां नर्मदा को भी माना जाता है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात से आने वाले लोगों के सामने मां नर्मदा का नाम आते ही आस्था उमड़ आती है. क्योंकि मान्यता है कि इस पवित्र नदी में स्नान करने से इंसान के सभी पाप धुल जाते हैं. तीन राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से बहने वाली नर्मदा नदी अपने आप में अनोखी अलौकिक है. लेकिन क्या आपको पता है कि इस पवित्र नदी का उदय कैसे हुआ था, क्यों सालभर इस नदी के घाटों पर लोगों की भीड़ उमड़ी रहती है. तो इस जानकारी से हम आपको रूबरू कराते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस तरह हुआ था नर्मदा नदी का जन्म 


नर्मदा नदी के जन्म की कहानी भी बेहद दिलचस्प हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के पसीने से मां नर्मदा का जन्म हुआ था. जिसको लेकर एक कथा प्रचलित है. कहा जाता है कि  भगवान शिव मैखल पर्वत पर तपस्या में लीन थे. तब उनके पसीने की जो बूंदे गिरी थी उससे ही मां नर्मदा का जन्म हुआ था, इसलिए प्रचलित मान्यता के हिसाब से मां नर्मदा को भगवान शंकर की पुत्री भी कहा जाता है. माना जाता है कि भगवान शिव के आदेश से ही मां नर्मदा धरती पर आई थी, जिन्हें अविनाशी होने का वरदान भी शंकर जी ने ही दिया था. 


भगवान शिव ने दिया था वरदान 


मान्यता है कि भगवान शंकर ने ही मां नर्मदा को धरती पर भेजकर उन्हें वरदान दिया था कि जो तुम्हारे दर्शन करेगा उसके सारे पाप नष्ट हो जाएंगे, इसलिए आज भी नर्मदा नदी के तटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इसके अलावा माना जाता है कि मैखल पर्वत शिखर से उतन्न होने के चलते मां नर्मदा को मैखल राज की पुत्री भी कहा जाता है. एक और दूसरी कथा के अनुसार मैखल पर्वत पर प्रकट होने के चलते देवताओं ने मां नर्मदा नाम रखा था. जिसके चलते उन्हें वरदान मिला था कि उनके तट पर सभी देवी देवताओं का हर समय निवास होगा. यहां पूजा करने से सभी देवी देवताओं की पूजा का लाभ मिलेगा. 


यहां कहा जाता है बड़ी मां


नर्मदा नदीं तीन राज्यों से होकर बहती हैं, जिसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात शामिल हैं. ऐसे में जगह-जगह पर नर्मदा से जुड़ी अलग-अलग प्रथा हैं. गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी अंचलों के लोग मां नर्मदा को मोठी माई यानी बड़ी मां भी कहते हैं. यहां पर मां नर्मदा को लेकर कई गीत भी प्रचलित हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि मां नर्मदा का क्षेत्र जितना विशाल है, उनसे जुड़ी उतनी ही कहानियां भी प्रचलित हैं. 


मान्यता है कि जो लाभ लोगों को गंगा स्नान से मिलता है उतना पुण्य लाभ मां नर्मदा के दर्शन मात्र से मिल जाता है. इसलिए नर्मदा नदी आज भी लोगों की आस्था का केंद्र मानी जाती है. मध्य प्रदेश के लोगों का तो जीवन ही मां नर्मदा पर निर्भर है. 


डिसक्लेमर


'यह जानकारी किसी भी तरह की सटीकता का दावा नहीं करती है. हिंदू धर्म के जानकारों,  प्रवचनों, प्राचीन मान्यताओं और धर्मग्रंथों में मां नर्मदा को लेकर जो कहानियां संग्रहित हैं, उन्हीं के माध्यम से यह जानकारी दी गई है. यह केवल एक तरह की सामान्य जानकारी है, जो मां नर्मदा को लेकर आम लोगों में प्रचलित हैं. इसलिए ज्यादा जानकारी और सटीक प्रमाणिकता के लिए धर्म के जानकारों से संपर्क किया जा सकता है.'