अक्टूबर की इस तारीख को रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत, जानें सुहागिन क्यों करती हैं चांद की पूजा

Karwa Chauth 2024: अपने पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं. देश भर में इस व्रत के सुहागिनें उत्साहित रहती हैं. इस दिन वे निर्जला व्रत रखकर शाम को चांद की पूजा करती हैं. एस्ट्रोलॉजर रुचिका अरोड़ा से जानते हैं इस साल किस तारीख को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा और सुहागिनें इस दिन चांद की पूजा क्यों करती है.

रुचि तिवारी Sun, 06 Oct 2024-9:11 pm,
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Karwa Chauth 2024:  इस साल सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत अक्टूबर के महीने में रखेंगी. यह व्रत निर्जला होता है और रात के समय चांद को देखकर व्रत का पारण किया जाता है. एस्ट्रोलॉजर रुचिका अरोड़ा से जानते हैं करवा चौथ के व्रत की तारीख, पूजा का मुहूर्त और चांद की पूजा का महत्व. 

 

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करवा चौथ व्रत 2024

हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से आरंभ हो रही है, जो  अगले दिन 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर  2024 को रखा जाएगा.

 

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करवा चौथ 2024 पूजा मुहूर्त

करवा चौथ के दिन पूजा का मुहूर्त शाम 5.46 मिनट से लेकर 7.02 मिनट तक रहेगा. वहीं, इस दिन चंद्र उदय का समय शाम 7.54 मिनट बजे होगा. इसके बाद आप चंद्र दर्शन कर अपने व्रत का पारण कर सकते हैं.

 

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निर्जला व्रत

करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. पौराणिक कथाओं की मानें तो पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं के द्वारा रखा जाने वाला यह पर्व हिंदू धर्म के चारों युगों में होता रहा है. इसकी शुरुआत सतयुग में हुई थी. कथा के मुताबिक जब भगवान यम माता सावित्री के पति की जान लेने आए तो माता सावित्री ने उन्हें रोक दिया और अपनी पतिव्रता शक्ति से अपने पति को वापस कर लिया. तब से ही पति के लंबे उम्र के लिए यह पर्व मनाया जाता है.

 

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महाभारत से भी जुड़ा है इतिहास

करवा चौथ का इतिहास महाभारत काल से भी जुड़ा हुआ है. महाभारत कथा के अनुसार जब पांडवों को 14 सालों का वनवास और 1 साल का अज्ञातवास हुआ तो उस दौरान अर्जुन तपस्या करने पर्वत पर चले गए थे. तब द्रौपदी ने अर्जुन की रक्षा के लिए अपने भाई श्री कृष्ण से मदद ली थी. भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को माता पार्वती की तरह उपवास रखने की सलाह दी. द्रौपदी ने उपवास रखा और अर्जुन सही सलामत वापस आ गए. तब से ही महिलाएं पति की रक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं.

 

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करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा

करवा चौथ का पर्व सुबह सूर्य के उगने के साथ शुरू होता है और शाम को चांद के निकलने पर पति द्वारा पानी पिलाकर व्रत खोला जाता है. इस दिन चंद्रमा की पूजा का खास महत्व है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा की पूजा करने से अच्छे पुत्र, धन और वैभव के साथ-साथ पति को लंबी उम्र मिलती है. पति के ऊपर जितने भी कष्ट होते हैं सब दूर हो जाते  हैं. 

 

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ऐसे करें व्रत

करवा चौथ का व्रत महिलाएं बहुत ही श्रद्धा के साथ मनाती हैं. माना जाता है कि जब महिलाएं दिन भर व्रत रखने के बाद चंद्रमा को जब छलनी की ओट से देखती हैं, तो उनके मन पर पति के प्रति अनन्य अनुराग का भाव आता है और उनके मुख पर एक विशेष कांति आती है. इससे महिलाओं का यौवन अक्षय और दांपत्य जीवन सुखद होता है.

Disclaimer-यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले धार्मिक क्षेत्र के जानकार की सलाह जरूर लें.

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