Dhanteras 2023: दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन धन के देवता कुबेर जी और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर की पूजा करने के अलावा धनतेरस की रात को यमराज की पूजा भी की जाती है. इस दिन यमराज के नाम दीया जलाया जाता है.इस बार दिवाली 12 नवंबर और धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाने वाली है. धनतेरस की रात दक्षिण दिशा में चौमुखा दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपक कहा जाता है. आइए जानते हैं आखिर में क्यों जलाया जाता है यम के नाम दीया.


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इसलिए जलाया जाता है  यमराज के नाम दीया
धनतेरस के दिन यानि छोटी दीपावली की रात यमराज के नाम दीया जलाने के पीछे पौराणिक कथा है. कहानी के अनुसार, किसी राज्य में हेम नामक राजा था जिसे एक पुत्र प्राप्त हुआ. जब राजा ने विशेषज्ञों को अपने बेटे की कुंडली दिखाई, तो उन्हें पता चला कि शादी के चार महीने बाद बेटे की मृत्यु हो जाएगी. ऐसे में राजा परेशान होकर राजकुमार को ऐसी जगह भेज दिया, जहां किसी लड़की की परछाई भी उस पर न पड़े.


राजा के इतनी सावधानी के बावजूद उनके बेटे ने एक राजकुमारी से शादी कर ली. शादी के 4 दिन बाद यमराज के दूत राजकुमार के पास आए. यमदूत को देखकर राजकुमार की पत्नी बहुत रोई. जिसके बाद यम के दूतों में से एक ने कहा, “हे यमराज, ऐसा कोई उपाय नहीं है, जिससे किसी व्यक्ति को अकाल मृत्यु से बचाया जा सके.” तब यमराज ने कहा कि जो कोई कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन शाम के समय मेरी ओर से दक्षिण दिशा में दीपक जलाएगा, तो वह अकाल मृत्यु से बच जाएगा. कहते है कि इसी वजह से हर साल धनतेरस की रात यमराज के नाम दीया जलाया जाता है.


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इस दिन मनाया जाएगा धनतेरस 
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि इस बार 10 नवंबर, दिन शुक्रवार को (Dhanteras 2023 Date) पड़ रही है.  पंचांग के त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी जो 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है.