हरीश दिवेकर​/भोपाल: मध्य प्रदेश में बढ़ती कोरोना वायरस की रफ्तार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में आई रिपोर्ट में कोरोना टेस्ट के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति देश में आखिर में है यानी फिसड्डी है, स्पष्ट है कि सरकार के प्रचार-प्रसार के दावे झूठे हैं. कमलनाथ ने सरकार से मांग की कि प्रदेश में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि साढ़े सात करोड़ जनता का जीवन सुरक्षित हो सके. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

‘मध्य प्रदेश में कोरोना के टेस्ट आज भी कम’
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र में लिखा कि सम्पूर्ण विश्व कोरोना वायरस की महामारी से निजात पाने के लिए हर प्रकार के जतन कर रहा है. हमारे देश और प्रदेश में भी इस महामारी को परास्त करने के लिए हर संभव कोशिश करने की आवश्यकता है. बड़े अफसोस की बात है कि देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्यप्रदेश में कोरोना के टेस्ट आज भी अत्यंत कम किए जा रहे हैं. 


केवल 12 हजार है टेस्ट की औसत-कमलनाथ
कोरोना टेस्टिंग के आंकड़ें बताते हुए कमलनाथ ने लिखा अगस्त, 2020 के मध्य तक प्रति 10 लाख व्यक्तियों पर किए गए कोरोना टेस्ट में मध्य प्रदेश द्वारा किये गये टेस्ट का औसत केवल 12 हजार है. जबकि दिल्ली, आंध्रप्रदेश और असम जैसे राज्यों में यह औसत 50 हजार से भी अधिक है. इस प्रकार कोरोना टेस्ट कराने में मध्य प्रदेश की स्थिति सर्वाधिक संक्रमित देश के 15 राज्यों में 15वीं अर्थात अंतिम है, यह स्थिति बेहद चिंताजनक है.


ये भी पढ़ें : पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ के बंगले पर बवाल, BJP ने पूछा- जब मंत्री नहीं, तो घर पर कब्जा क्यों?


‘कोरोना जांच की संख्या बढ़ाए सरकार’
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से मांग करते हुए कमलनाथ ने लिखा कि कोरोना ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर गंभीर प्रयास होने चाहिए. ताकि हमारा प्रदेश न केवल देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर संक्रमण मुक्त होने का उदाहरण पेश कर सके. हमारे प्रदेश के आमजन को इस महामारी से राहत मिल सके.


आपको बता दें कि प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 47375 पहुंच गया है. आज 990 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है. प्रदेश में कुल 10521 एक्टिव केस हैं.


WATCH LIVE TV: