सर्जिकल स्ट्राइक पर कमलनाथ ने उठाया का सवाल, एक तीर से दो शिकार?
पिछले कुछ वक्त से कमलनाथ हिंदू आस्था से जुड़े प्रतीकों का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. बजरंगबली के लिए कार्यक्रम, गौशाला आदि के जरिए हिंदू हितैषी की छवि बना रहे हैं. जानकारों का मानना है कि कमलनाथ एक तीर से दो शिकार करना चाहते हैं. एक तरफ वो बीजेपी के खिलाफ अपने किलेबंदी को मजबूत कर रहे हैं. बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं. दूसरी तरफ पार्टी में हो रहे विरोध को काटने के लिए अपनी बढ़ती लोकप्रियता को सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं.
विवेक पटैया/ छिंदवाड़ा: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके पर मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक को एक बार फिर झुठलाने की कोशिश की और इस बहाने प्रधानमंत्री पर गरीबों और किसानों का ध्यान न करने का आरोप लगाया. वो छिंदवाड़ा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोल रहे थे. कमलनाथ ने प्रधानमंत्री को सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत देने की चुनौती दी, उन्होंने कहा, "कहते हैं मैने सर्जिकल स्ट्राइक की है, कौन सी सर्जिकल स्ट्राइक की है तो बताइए कि कौन सी सर्जिकल स्ट्राइक की".
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक मोदी 1.0 की एक बड़ी उपलब्धि रही है लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के कुछ नेता इस पर सवाल उठाते आए हैं. इस वजह से विदेशी मीडिया और भारत विरोधी मुल्कों को भी सर्जिकल स्ट्राइक के खिलाफ बड़ी दलीलें मिलती रहीं हैं.
इसके बावजूद कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर मोदी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल उठाया कि सर्जिकल स्ट्राइक पर बोलने वाले प्रधानमंत्री मोदी किसानों और बेरोजगारों के मुद्दे पर क्यों चुप्पी साध लेते हैं. अपने आरोपों को और धार देने के लिए उन्होंने छिंदवाड़ा में हुए सार्वजनिक कार्यक्रम में मौजूद भीड़ को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हिम्मत की याद दिलाई. कमलनाथ ने PM पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बेरोजगारों की बात नहीं करते. इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के हजारों जवानों का सरेंडर कराया था लेकिन प्रधानमंत्री उसके बारे में बात नहीं करते.
प्रदेश कांग्रेस में ज्योतिरादित्य जैसे कद्दावर नेताओं की मुखालफत झेल रहे मुख्यमंत्री कमलनाथ एक आधूनिक गौशाला का लोकार्पण करने छिंदवाड़ा पहुंचे थे. इसके बाद वो एक सामूहिक विवाह में भी पहुंचे. पिछले कुछ वक्त से कमलनाथ हिंदू आस्था से जुड़े प्रतीकों का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. माना जा रहा है कि बजरंगबली के लिए कार्यक्रम, गौशाला आदि के जरिए कमलनाथ एक तीर से दो शिकार करना चाहते हैं. एक तरफ वो बीजेपी के खिलाफ अपने किलेबंदी को मजबूत कर रहे हैं. बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं तो खुद को हिंदू हितैषी भी साबित करने की कोशिश में हैं, दूसरी तरफ पार्टी में हो रहे विरोध को काटने के लिए अपनी बढ़ती लोकप्रियता को सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं.