BY Elections Madhya Pradesh: मोदी सरकार के गठन के साथ ही लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह से खत्म हो चुकी. लोकसभा चुनाव के नतीजों के चलते मध्य प्रदेश में कुछ सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि 6 महीने के अंदर खाली होने वाली सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी. मध्य प्रदेश में बीजेपी एक विधायक और एक राज्यसभा सांसद लोकसभा के सदस्य चुने गए हैं. 


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बुधनी और अमरवाड़ा में होगा उपचुनाव


मध्य प्रदेश में फिलहाल दो विधानसभा की सीटें खाली हो गई हैं, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं, ऐसे में वह राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे देंगे. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से सांसद बनने के बाद बुधनी विधानसभा सीट खाली होगी. जबकि छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, ऐसे में यह सीट खाली हो चुकी है. जिससे इन तीनों सीटों पर उपचुनाव होने तय हैं. 


राज्यसभा के लिए कई दावेदार 


ज्योतिरादित्य सिंधिया 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. तब बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा के लिए भेजा था, जहां बाद में सिंधिया मोदी सरकार में मंत्री भी बने थे. लेकिन अब वह लोकसभा के सदस्य चुने गए हैं, जबकि उनका राज्यसभा का कार्यकाल 2026 तक चलेगा. ऐसे में बीजेपी यहां से किसी वरिष्ठ नेता को राज्यसभा भेज सकती है. जिसके लिए कई दावेदार सक्रिए हैं. 2019 में गुना से चुनाव जीते केपी यादव का टिकट इस बार सिंधिया के चलते ही कटा है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सिंधिया की जगह अब केपी यादव को ही बीजेपी राज्यसभा भेज सकती है, इस बात के संकेत प्रचार के दौरान अमित शाह ने भी दिए थे.


इसके अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता नरोत्तम मिश्रा भी राज्यसभा के दावेदार माने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. इसके अलावा बीजेपी के किसी दूसरे सीनियर नेता को भी राज्यसभा भेज सकती है. जबकि चर्चा यह भी है कि पार्टी किसी दूसरे राज्य से आने वाले नेता को भी मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेज सकती है. 


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बुधनी-अमरवाड़ा के दावेदार 


वहीं बात अगर बुधनी विधानसभा की जाए तो यहां से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं. इसके अलावा पार्टी किसी दूसरे नेता के नाम पर भी दांव लगा सकती है. वहीं अमरवाड़ा में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले पूर्व विधायक कमलेश शाह ही सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. 


ये सीटें हो सकती हैं खाली


इसके अलावा मध्य प्रदेश में दो और विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की स्थिति बनती दिख रही है. सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से महिला विधायक निर्मला सप्रे ने भी बीजेपी की सदस्यता ले ली है, जबकि श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के सीनियर विधायक रामनिवास रावत भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. लेकिन इन दोनों विधायकों ने विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है. लेकिन माना जा रहा है कि वह जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं. ऐसे में अगर दोनों विधायक इस्तीफा देते हैं तो यहां भी उपचुनाव की स्थिति बनेगी. 


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