MP Congress Candidates List: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण में बीजेपी ने जो रणनीति अपनाई थी, कुछ वैसा ही प्लान लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण में कांग्रेस का दिख रहा है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के 7 सांसदों को विधायक का चुनाव लड़वाया था, जबकि कांग्रेस ने अब तक 5 विधायकों को लोकसभा का टिकट दिया है. 6 सीटों पर अभी उम्मीदवारों का ऐलान होना है, इन सीटों पर भी कुछ विधायक दावेदार नजर आ रहे हैं. पार्टी ने अब तक जिन पांच विधायकों को टिकट दिए हैं, जानिए पांच पॉइंट में उनकी जानकारी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इन विधायकों को बनाया उम्मीदवार 


  • डिंडौरी से विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मंडला से प्रत्याशी बनाया. 

  • भांडेर से विधायक फूल सिंह बरैया को भिंड से प्रत्याशी बनाया.

  • पुष्पराजगढ़ से विधायक फुंदेलाल मार्को को शहडोल से प्रत्याशी बनाया. 

  • सतना से विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना सीट से प्रत्याशी बनाया. 

  • तराना से विधायक महेश परमार को उज्जैन लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया. 


विधायकों को उतारने के पीछे की रणनीति 


दरअसल, कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मजबूत प्रत्याशियों की तलाश थी, बताया जा रहा है कि पार्टी के कई बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने पर सहमति नहीं दी थी. ऐसे में आलाकमान ने सख्त निर्णय लेते हुए विधायकों को ही लोकसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया, ताकि पार्टी के कार्यकर्ताओं में मैसेज जाए मुश्किल वक्त में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विधायक तैयार हैं, इसके अलावा कांग्रेस को यह भी उम्मीद है कि विधायक होने के नाते लोकसभा क्षेत्र में इनके नाम को भुनाया जा सकता है, जिससे पार्टी अपने लिए उम्मीद भी जगा रही है. इसलिए अब तक पांच विधायकों को लोकसभा प्रत्याशी बनाया है. 


चुनाव लड़ने का अनुभव 


खास बात यह है कि जिन पांच विधायकों पार्टी ने टिकट दिया है, वे सभी दो बार से ज्यादा विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. ओमकार सिंह मरकाम चौथी बार विधायक चुने गए हैं. जबकि फुंदेलाल मार्को तीसरी बार और महेश परमार, फूल सिंह बरैया और सिद्धार्थ कुशवाहा दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. इन सभी के पास चुनाव लड़ने का अनुभव है, ओमकार सिंह मरकाम दूसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि लोकसभा क्षेत्र में भी इनकी पकड़ मानी जाती है. ऐसे में पार्टी ने इन पर भरोसा जताया है. 


ये भी पढ़ेंः छात्र नेता से सूबे के मुख्यमंत्री तक...ऐसा रहा डॉ. मोहन यादव का संघर्ष से सत्ता का सफर...


जातिगत समीकरण  


विधायकों को चुनाव लड़ाने में जातिगत और राजनीतिक समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है. जैसे भिंड, मंडला और शहडोल सीट आरक्षित हैं, ऐसे में मंडला में सीनियर विधायक ओमकार सिंह मरकाम को टिकट दिया है, जो महाकौशल में कांग्रेस का बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं. वहीं भिंड लोकसभा से प्रत्याशी फूल सिंह बरैया ग्वालियर-चंबल में अनुसूचित जाति का बड़ा चेहरा माने जाते हैं, इसी तरह फुंदेलाल मार्को शहडोल क्षेत्र में सक्रिए रहते हैं. वहीं सतना और उज्जैन सीट पर भी पार्टी ने युवा चेहरों विधायकों को टिकट दिया है, जो लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. खास बात यह है कि विधानसभा चुनाव के अलावा सतना प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा और उज्जैन प्रत्याशी महेश परमार ने महापौर का चुनाव भी लड़ा था, दोनों प्रत्याशियों ने क्लोज फाइट की थी. 


बीजेपी वाली रणनीति 


राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विधायकों को लोकसभा चुनाव में टिकट देने की रणनीति कुछ-कुछ बीजेपी जैसी ही नजर आती है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 7 सांसदों को टिकट दिया था, जिनमें से पांच सांसद विधायक का चुनाव जीतने में सफल रहे थे, अब कांग्रेस विधायकों के जरिए लोकसभा का किला फतह करना चाहती है. इसलिए पार्टी ने विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारा है. माना जा रहा है कि जिन 6 सीटों पर टिकट का ऐलान होना है, उनमें भी कुछ पर विधायक दावेदार हैं, ऐसे में यह संख्या बढ़ भी सकती है. 


सर्वे के आधार पर टिकट 


बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने विधायकों को स्थानीय नेताओं की पसंद के आधार पर भी टिकट दिया है. क्योंकि सर्वे के बाद ही इन विधायकों का नाम पार्टी आलाकमान को भेजा गया था. अधिकतर जिला कांग्रेस कमेटियों में इनके नाम पर सहमति बनी थी, ऐसे में कांग्रेस ने सर्वे के आधार पर ही इन विधायकों को टिकट दिया है. इसके अलावा राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विधायकों के चुनाव लड़ने से बगावत के आसार भी कम रहेंगे. ऐसे में इन पर भरोसा जताया गया है. 


ये भी पढ़ेंः उज्जैन की घटना पर सजग हुए CM मोहन, कहा-यह अलार्मिंग कॉल है, घायलों को मिलेगा मुआवजा