khajuraho News: मध्य प्रदेश की एक हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट पर बीजेपी को चुनाव से पहले ही वॉकओवर मिलता हुआ नजर आ रहा है. खजुराहो लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया है. जिससे यहां बीजेपी प्रत्याशी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की राह अब बिल्कुल आसान होती नजर आ रही है. क्योंकि खजुराहो सीट कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी थी.  


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मीरा यादव का नामांकन निरस्त 


दरअसल, समाजवादी पार्टी ने खजुराहो में मीरा यादव को टिकट दिया था. लेकिन उनका नामांकन निरस्त हो गया है. पन्ना जिले के कलेक्टर सुरेश कुमार ने फार्म के साथ लगाई गई मतदाता सूची प्रमाणीकृत नहीं लगाई गई है, जबकि प्रत्याशी के हस्ताक्षर भी छूटे हैं, ऐसे में कलेक्टर और लोकसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने फिलहाल सपा प्रत्याशी का नामांकन निरस्त करने की जानकारी दी है. 


बीजेपी को वॉकओवर 


समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुई गठबंधन के तहत कांग्रेस ने खजुराहो सीट सपा के लिए छोड़ी थी. लेकिन अब यहां सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने से बीजेपी की राह बिल्कुल आसान हो गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द होना वीडी शर्मा को एक तरह से वॉकओवर मिलने की तरह देखा जा रहा है. वीडी शर्मा ने 2019 में भी यहां से बड़ी जीत हासिल की थी. 



अखिलेश यादव ने की जांच की मांग 


वहीं समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा 'खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है, कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखनेवाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों, ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा, जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे. भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी. इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है.'


जीतू पटवारी बोले-जांच होनी चाहिए


कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी मामले में बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा कि नामांकन निरस्त नहीं हुआ! नामांकन को निरस्त किया गया है! इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है. जब हस्ताक्षर नहीं तो जांच अधिकारी ने फॉर्म कैसे लिया था. उन्होंने भी पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग की है. 


अरुण यादव ने भी जताई नाराजगी 


सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने पर अरुण यादव ने भी नाराजगी जताई है. उन्होंने लिखा 'खजुराहो लोकसभा में इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी मीरा दीपक यादव का नामांकन फॉर्म, निर्वाचन आयोग के नियम विरुद्ध खारिज़ करना एक सुनियोजित साजिश, निर्वाचन अधिकारी ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं प्रत्याशी वीडी शर्मा के राजनैतिक दवाब में आकर नामांकन पत्र निरस्त किया गया है, यह है राजनैतिक दवाब का स्पष्ट प्रमाण…!यह इस आरोप को भी स्पष्ट कर रहा है कि निर्वाचन अधिकारी ने सीधे तौर पर भाजपा को जॉइन न कर उसे बाहर से समर्थन दिया है, जो भारतीय संविधान और लोकतंत्र की हत्या का परोक्ष प्रमाण होकर 'राष्ट्रद्रोह' की श्रेणी में आता है. लिहाजा, निर्वाचन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए.'


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सपा ने कोर्ट जाने की कही बात 


वहीं सपा प्रत्याशी मीरा यादव के पति दीपनारायण यादव ने नामांकन निरस्त होने पर कहा कि उनका पर्चा निरस्त किया गया है. इसलिए वह  हाईकोर्ट जाएंगे. क्योंकि रिटर्निंग अधिकारी को अगर फॉर्म में कोई जानकारी नहीं मिली थी तो इसकी जानकारी उन्होंने कल क्यों नहीं दी थी. इसलिए वह इस पूरे मामले में हाईकोर्ट जाएंगे. बता दें कि मीरा यादव ने 2 अप्रैल को अपना नामांकन जमा किया था. दूसरे चरण के लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन जमा करने की आखिरी तारीख 4 अप्रैल थी. 


कौन हैं मीरा यादव 


कांग्रेस और सपा के गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को यह सीट छोड़ी गई थी. जहां सपा ने पहले मनोज यादव को टिकट दिया था. लेकिन बाद में उनका टिकट काटकर मीरा यादव को टिकट दिया गया था. मीरा यादव 2008 के विधानसभा चुनाव में में समाजवादी पार्टी के टिकट पर निवाड़ी विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई थी. इसके बाद उन्होंने 2013, 2018 और 2023 में भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें तीनों चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि अब पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में भी टिकट दिया था. मीरा यादव के पति दीपनारायण यादव उत्तर प्रदेश की गरौठा विधानसभा सीट से दो बार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रह चुके हैं.


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