Lok Sabha Election 2024: रायपुर। देश में आम चुनाव यानी लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है. हालांकि, इससे पहले सियासी दलों ने कई उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के उम्मीदवारों पर कार्टून से हमला कर रही है. बीजेपी ने एक कार्टून पोस्ट किया है. इसमें बिरनपुर कांड का जिक्र करते हुए महासमुंद से कांग्रेस उम्मीदवार ताम्रध्वज साहू को निशाने पर लिया गया है.


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कार्टून में क्या है?
भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया पर कार्टून पोस्ट किया है. इसमें ताम्रध्वज साहू और बिरनपुर कांड में मारे गए भुनेश्वर को दिखाया गया है. जब ये कांड हुआ था तब ताम्रध्वज साहू गृह मंत्री थे और साजा से विधायक भी थे. ये भी उस कार्टून में जिक्र किया गया है. इसे पोस्ट करते हुए भाजपा ने लिखा हैं कि जो बिरनपुर में मारे गए युवक भुनेश्वर साहू के नहीं तो वो आपके क्या होंगे.


एक तीर से दो निशाना
इस कार्टून से भारतीय जनता पार्टी ने दो निशाने लगाए हैं. पहली चीज की ताम्रध्वज साहू के दौरान हुई घटना का जिक्र कर उनके काम को निशाने पर लिया गया है. वहीं घटना में मारे गए ‘भुनेश्वर साहू’ के नाम से लोकसभा क्षेत्र में साहू समाज साधने की कोशिश की गई है. बता दें भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू अब साजा विधानसभा के विधायक बन चुके


क्या है बिरनपुर कांड? 
बेमेतरा जिले के साजा क्षेत्र में बिरनपुर गांव है. यहां समुदाय विशेष के लोगों पर युवा भुवनेश्वर साहू की हत्या करने का आरोप लगा था. बिरनपुर कांड के वक्त पीड़ित परिवार से मिलने के लिए भाजपा नेता पहुंचे थे उन्हें रोक दिया गया था. इसपर बीजेपी ने ताम्रध्वज को लेकर आक्रामक तेवर दिखाए थे. मामले में बड़ा बवाल मचा था. हालांकि, बीजेपी की सरकार बनने के बाद मामला CBI को सौंप दिया गया है.


पहले आए हैं ये पोस्टर


- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनांदगांव दौरे के बाद पहला पोस्टर आया था. इसमें भूपेश बघेल को निशाने पर लेते हिए लिखा गया था 'राजनांदगांव या जिहादगांव' चुनाव आपका.


- पूर्व मंत्री शिव डहरिया पर दूसरा पोस्टर आया था. इसमें उनको कब्जाबाज बताया गया था. इसमें लिखा था 'जांजगीर-चांपा की जनता सावधान रहे. पूर्व कब्जाबाज मंत्री की नजर अब आपकी जमीन पर है.'


- तीसरा पोस्टर कोरबा से वर्तमान सांसद और फिर से प्रत्याशी बनाई गईं ज्योत्सना महंत पर था. इसमें उन्हें निष्क्रिय के साथ लापता सांसद भी बताया गया था. बीजेपी मतदाताओं से रहा गया था कि उन्हें निष्क्रिय नहीं बल्कि सक्रिय सांसद चुनना चाहिए.