Morena Loksabha Seat: मुरैना लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होना है. मुरैना की बात करें तो यह बीजेपी का मजबूत किला है. इस सीट पर पिछले 28 साल से बीजेपी का कब्जा है. मुरैना में 1996 से लेकर अब तक बीजेपी लगातार 8 चुनाव जीत चुकी है. हालांकि, इस बार समीकरण कुछ ऐसे बन रहे हैं. जिसके चलते यहां मुकाबला बेहद रोमांचक या यूं कहें कि फंस गया है...


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Lok Sabha Election: कल थम जाएगा चुनाव के तीसरे चरण का शोर, 9 सीटों पर कहां-किसके बीच मुकाबला?


मुरैना में मुकाबला हुआ दिलचस्प
मुरैना में बीजेपी ने इस बार मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह शिवमंगल सिंह तोमर को मैदान में उतारा है. गौरतलब है कि नरेंद्र सिंह तोमर अब विधायक और एमपी विधानसभा के अध्यक्ष हैं. जिसके चलते किसी और प्रत्याशी को मैदान में उतारना तय ही था. जबकि कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह सिकरवार को उम्मीदवार बनाया है. खास बात ये है कि यहां बीएसपी के उम्मीदवार के तौर पर रमेश चंद गर्ग की एंट्री से चुनाव दिलचस्प हो गया है.


रमेश गर्ग की एंट्री
बता दें कि बीएसपी उम्मीदवार रमेश गर्ग बीजेपी और कांग्रेस दोनों के समीकरण बिगाड़ सकते हैं. रमेश गर्ग की बात करें तो उनका व्यापारी वर्ग में अच्छा प्रभाव है. वह व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं और उन्होंने व्यापारियों के लिए कई लड़ाइयां भी लड़ी हैं. उनकी उम्मीदवारी से भारतीय जनता पार्टी को नुकसान हो सकता है. गौरतलब है कि व्यापारी वर्ग बीजेपी के कोर वोटरों में गिना जाता है. साथ ही वो कांग्रेसी वोट पर भी सेंध लगा सकते हैं.


बसपा का प्रभाव
इसके अलावा मुरैना लोकसभा सीट पर बसपा का अच्छा खासा वोट बैंक है और ये जानने के लिए आपको कुछ आंकड़ों को समझना होगा. पिछले 3 लोकसभा चुनावों में मुरैना सीट पर बीएसपी को एक लाख से ज्यादा वोट मिले हैं. यहां तक कि 2014 के चुनाव में BSP प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहने वाले बसपा प्रत्याशी बृंदावन सिंह सिकरवार को करीब ढाई लाख वोट मिले थे. इसलिए अब मुरैना लोकसभा सीट पर चुनाव बीजेपी के शिवमंगल तोमर, कांग्रेस के सत्यपाल सिंह सिकरवार और बीएसपी के रमेश चंद गर्ग के बीच त्रिकोणीय हो गया है.