Satna Loksabha Seat: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बीच हर दिन बड़ी सियासी उठापठक देखने को मिल रही है. एक तरफ विंध्य अंचल में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के बीजेपी में जाने की चर्चा तेज हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब बीजेपी के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी के बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने की बात सामने आई है. विधानसभा चुनाव में अपनी अलग 'विंध्य जनता पार्टी' बनाकर चुनाव लड़ने वाले नारायण त्रिपाठी बसपा में शामिल होकर सतना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, ऐसे में सतना सीट के समीकरण दिलचस्प हो जाएंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बसपा में जाएंगे नारायण 


मैहर से पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी बसपा में शामिल होने वाले हैं, वह राजधानी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बसपा में शामिल होने का ऐलान करेंगे. नारायण त्रिपाठी विंध्य अंचल में बड़े ब्राम्हण नेता माने जाते हैं, वह अलग विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. ऐसे में नारायण त्रिपाठी के बसपा में आने से विंध्य अंचल की सतना लोकसभा सीट पर सियासी समीकरण बदल सकते हैं. 


सतना से लड़ेंगे चुनाव! 


नारायण त्रिपाठी सतना लोकसभा सीट चुनाव लड़ सकते हैं. बता दें कि इस बार कांग्रेस और बीजेपी ने ओबीसी वर्ग पर दांव लगाया है, बीजेपी ने वर्तमान सांसद गणेश सिंह को फिर से टिकट दिया है तो कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट दिया है. ऐसे में सोशल इंजीनियरिंग करने वाली बसपा इस सतना में सामान्य वर्ग से नारायण त्रिपाठी को चुनाव लड़ाकर न केवल सियासी समीकरण साधना चाहती है, बल्कि वह जातिगत समीकरणों को भी साधने में जुटी है. नारायण त्रिपाठी विंध्य अंचल में बड़े ब्राह्मण नेता के तौर पर पहचान रखते हैं, ऐसे में बसपा को बड़ा ब्राह्मण चेहरा भी मिल जाएगा. क्योंकि सतना लोकसभा सीट से बसपा एक बार चुनाव जीत चुकी है. 


नारायण की पांचवीं पार्टी 


खास बात यह है कि नारायण त्रिपाठी की यह पांचवीं पार्टी होगी. इससे पहले वह कांग्रेस, बीजेपी, समाजवादी पार्टी में रह चुके हैं, जबकि 2023 में उन्होंने अपनी पार्टी 'विंध्य जनता पार्टी' का गठन किया था, जबकि अब वह बसपा में शामिल होने जा रहे हैं. नारायण त्रिपाठी 2003 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर मैहर से विधानसभा चुनाव जीते थे, इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे और 2013 का विधानसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीता था. लेकिन 2016 में वह कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव जीते थे, 2018 का विधानसभा चुनाव भी नारायण ने बीजेपी के टिकट पर जीता था. लेकिन 2023 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 


ये भी पढ़ेंः MP में फिर उठी बड़े नेताओं को चुनाव लड़ाने की मांग, आज आ सकती है 18 उम्मीदवारों की लिस्ट