MP Lok Sabha Elections: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी चुनाव का बोझ बना रहने की पूरी संभावना है, क्योंकि प्रदेश के राजनीतिक समीकरण ही कुछ ऐसे बन रहे हैं, जिससे फिर से प्रदेश में उपचुनाव का बोझ आने की पूरी संभावना बनती दिख रही है. दरअसल, लोकसभा चुनाव के बीच कई सीटों के विधायकों ने दलबदल किया है, जबकि कांग्रेस और बीजेपी ने कुछ विधायकों को लोकसभा चुनाव में टिकट भी दिया है, ऐसे में मध्य प्रदेश की चार से आठ सीटों पर लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उपचुनाव हो सकते हैं. 


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कांग्रेस के तीन विधायकों ने छोड़ी पार्टी 


लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से अब तक मध्य प्रदेश में कांग्रेस के तीन विधायक पाला बदल चुके हैं, छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने 29 मार्च को अपने पद से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन की थी, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था, जिसके बाद अमरवाड़ा विधानसभा सीट खाली हो गई हैं, ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद निर्वाचन आयोग इस सीट पर कभी भी उपचुनाव की घोषणा कर सकता है. 


दो विधायकों ने नहीं दिया इस्तीफा 


इसी तरह श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के सीनियर विधायक रामनिवास रावत 30 अप्रैल को बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसी तरह सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस की महिला विधायक निर्मला सप्रे भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई हैं. हालांकि अब तक इन दोनों विधायकों ने फिलहाल इस्तीफा नहीं दिया है. लेकिन दलबदल की वजह से इन्हें इस्तीफा देना पड़ सकता है, ऐसे में अगर इन विधायकों ने इस्तीफा दिया तो फिर बीना और विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की स्थिति जरूर बनेगी. 


विधायकों के जीतने से बनेगी उपचुनाव की स्थिति 


कांग्रेस ने इस बार अपने 5 विधायकों को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है. कांग्रेस ने सतना से विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया है, डिंडौरी से विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मंडला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया है, तराना से विधायक महेश परमार को उज्जैन से चुनाव लड़ाया है, पुष्पराजगढ़ से विधायक फुंदेलाल मार्कों को शहडोल से चुनाव लड़वाया है, जबकि भांडेर से विधायक फूल सिंह बरैया को भिंड लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया है. इसी तरह बीजेपी ने भी बुधनी विधायक को विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया है. ऐसे में अगर इनमें से कोई भी विधायक चुनाव जीतता है तो उसे एक पद से इस्तीफा देना होगा, ऐसी स्थिति में इन सीटों पर भी उपचुनाव की स्थिती बन सकती है. 


मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे कुछ भी रहे, लेकिन कुछ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की स्थिति जरूर बनती दिख ही रही है. जबकि आने वाले दिनों में भी और भी सियासी समीकरण मध्य प्रदेश के बदल सकते हैं. जिन पर सबकी नजरें रहेगी. 


भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट 


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