MP Politics: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने आज मध्य प्रदेश की तीन सीटों की घोषणा कर दी है. जिसमें खंडवा भी शामिल है. खंडवा का नाम सामने आने के बाद कहीं न कहीं जुबान में अरुण यादव का भी नाम आ जाता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री यहां से सांसद रह चुके हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस पार्टी उनको यहां से उम्मीदवार बनाएगी. हालांकि लिस्ट आने के बाद उनके समर्थकों को कहीं ना कहीं मायूसी होगी क्योंकि लिस्ट में अरुण यादव का नाम नहीं है.


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MP Politics: खंडवा से अरुण यादव को क्यों नहीं मिला टिकट? कांग्रेस प्रत्याशी ने बताई असली वजह


अरुण यादव नहीं बने उम्मीदवार
कांग्रेस पार्टी ने यहां नरेंद्र पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. अरुण यादव की गिनती मध्य प्रदेश ही नहीं देश के बड़े ओबीसी नेताओं में होती है. वह मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. अरुण यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री भी थे. वहीं, उनके पिता सुभाष यादव प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री थे. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा होती है कि पिछले कुछ सालों में अरुण यादव को कही न कही साइडलाइन किया जा रहा है.


गौरतलब है कि जब भी एमपी में राज्यसभा की सीट खाली हुई तो अरुण यादव का नाम सामने आया है, लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी.  उम्मीद थी कि इस बार उन्हें लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया जाएगा. पहले अरुण यादव का नाम गुना से उठा था क्योंकि पिछली बार यादव उम्मीदवार ने सिंधिया को चुनाव में हराया था, लेकिन गुना में अरुण यादव को उम्मीदवार नहीं बनाया गया. फिर उम्मीद की जा रही थी कि अरुण यादव को उनके होम ट्रैक यानी खंडवा से ही उम्मीदवार बनाया जाएगा. हालांकि, अब अरुण यादव का नाम सामने नहीं आया है. जिसके चलते अब राजनीतिक गलियारों में अरुण यादव के भविष्य और पार्टी में उनकी क्या भूमिका है? इस पर सवाल उठ रहे हैं .


हालांकि, दूसरी ओर खंडवा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार नरेंद्र पटेल का कहना है कि पूर्व सांसद अरुण यादव चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. इसलिए पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है. नरेंद्र पटेल ने अरुण यादव का आभार जताया और कहा कि उनकी और अन्य कांग्रेस दावेदारों की सहमति के बाद ही कांग्रेस पार्टी ने उन्हें यह टिकट दिया है, इसलिए पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है.