भोपाल: मध्य प्रदेश भाजपा में इन दिनों जमकर घमासान मचा हुआ है. पार्टी आलाकमान प्रदेश में टिकट वितरण को लेकर बैठकों में व्यस्त है. दूसरी तरफ जिन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के ऐलान हो चुके हैं उन नेताओं का दर्द छलकना लगा है. सबसे ज्यादा बीजेपी के अंदर नाराजगी देखने को मिल रही है. बड़ी संख्या में पार्टी के मौजूदा सांसदों के टिकट काटे जाना ओर टिकट वितरण में देरी के कारण असंतोष बढ़ रहा है.


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बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा इसमें सबसे आगे हैं. प्रभात झा का लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने के सवाल फिर दर्द फ‍िर से छलक पड़ा. उनकी मानें तो वह पार्टी की प्रॉपर्टी हैं. उनकी खुद की इच्छा कुछ नहीं है. पार्टी को तय करना है. अपनी इच्छाओं की तो मैं खुद रोजाना अंत्येष्टी करता हूं.


बीजेपी में प्रभात झा अकेले नहीं हैं. शहडोल से अपना टिकट कटने पर मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह ने भी पार्टी के बड़े नेताओं पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि मुझे टिकट नहीं देने के बारे में पार्टी के बड़े नेताओं को कारण बताना चाहिए था. वे मेरी राजनैतिक हत्या करना चाहते हैं. यही हाल पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का भी है. वो गाना गाते हुए अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं....हम से का भूल हुई जो ये सजा हम को मिली...


प्रभात झा की नराजगी का तरीका
प्रदेश भाजपा में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अपनी नाराजगी अनोखे अंदाज में व्यक्त करने के लिए पहचाने जाते हैं. झा को जब प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था तो उन्होंने पार्टी आलाकमान और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह पर यह कहते हुए निशाना साधा था कि मुझे पद से हटाये जाने की प्रक्रिया को उसी तरह गोपनीय रखा गया था, जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पोखरण विस्फोट को रखा था. इसके बाद पार्टी के कई आयोजनों में झा विरोध स्वरूप काले कुर्ते पहन कर पहुंचे थे.   


दर्द बयां करना गौर का अपना अंदाज
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को 75 पार होने पर मंत्र‍िमंडल से बाहर क्या किया गया उनकी नाराजगी थमने का नाम ही नहीं ले रही है. कभी अपने को हटाने जाने को लेकर तो कभी टिकट नहीं मिलने पर गौर गाहे—बगाहे पार्टी संगठन को अपने दर्द बयां करने के अंदाज से परेशानी में डालते रहते हैं.