मप्र: किसान आंदोलन पर बोले कृषि मंत्री, `सरकार से खुश हैं किसान, उनकी मांगों का समाधान होगा`
किसान आंदोलन के दूसरे दिन आज मिलेजुले असर देखने को मिल रहा है. प्रदेश के मंदसौर की थोक सब्जी मंडी में बड़ी संख्या में किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे.
भोपाल: किसान आंदोलन के दूसरे दिन आज मिलेजुले असर देखने को मिल रहा है. प्रदेश के मंदसौर की थोक सब्जी मंडी में बड़ी संख्या में किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे. किसान आंदोलन के दूसरे दिन भी सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक जारी रही. किसान अपनी सब्जियां लाकर सब्जी मंडी में बेच रहे हैं. वहीं रतलाम में सब्जी और दूध की कम सप्लाई लोग परेशान हुए. इसी बीच प्रदेश के कृषि मंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि आज दो जून को कहां हैं आंदोलन करने वाले किसान.
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि आज 2 दिन है कहां हो रही है हड़ताल? कोई भी किसान इस हड़ताल में भाग नहीं ले रहा है. किसान मुख्यमंत्री की लॉन्च की हुई स्कीमों से खुश हैं. उन्हें भरोसा है कि राज्य और केंद्र सरकार उनकी समस्याओं का समाधान निकालेगी.
बता दें कि मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में एक जून से 10 जून तक किसानों के गांव बंद को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. एक तरफ जहां देश के किसान संगठन इन 10 दिनों में गांवों से खाने-पीने की चीजों की आपूर्ति न करने पर अड़े हैं, वहीं सरकार ने इसे रोकने की कोशिशें भी तेज कर दी हैं. किसान आंदोलन के दौरान प्रदेश में हिंसा रोकने के लिए प्रशासन ने पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया है. लगभग 2000 पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में जुटे हैं.
सब्जियों और फलों के दाम दोगुने
किसान आंदोलन के चलते सब्जियों और फलों के दाम दोगुने हो गए. इसके साथ ही मंदसौर में भी आंदोलन के पहले दिन खास असर दिखाई नहीं दिया. स्थानीय सब्जी मंडी में सब्जी की बंपर आवक हुई. किसान बड़ी संख्या में अपनी फसल और सब्जी लेकर मंडी पहुंचे, लेकिन यहां भी ग्राहकों की शिकायत है कि सब्जियों के दाम 25 से 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिए गए हैं.
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देशभर के 170 किसान संगठन ले रहे भाग
गांव बंद के दौरान 1 जून से 10 जून तक किसान अपने उत्पादन, फल, सब्जी, दूध और अनाज समेत दूसरे उत्पाद शहर नहीं भजेंगे. राष्ट्रीय किसान महासंघ की अगुवाई में करीब 170 किसान संगठन इसमें भाग ले रहे हैं. जिसके चलते आंदोलन के एक दिन पहले से ही थोक व्यापारी ,फुटकर व्यापारी और ग्राहक आंदोलन को लेकर सचेत हो गए थे. कई लोगों ने आंदोलन के पहले से ही घरों में सब्जियों और फलों का स्टॉक रखना शुरू कर दिया था. वहीं थोक व्यापारियों ने भी सीजनल हरी सब्जी टिंडे, गिलकी, तुराई, कद्दू, भट्टे, गोभी और बैगन का स्टॉक बढ़ा लिया है. आंदोलन के मिजाज को देखते हुए सब्जीमण्डी में बिक्री डबल-ट्रिपल अनुपात में बढ़ी हुई है.