IPL मैच में VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला, तो मंत्री ने बंद कराए स्टेडियम के रास्ते
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें सीजन में 14 मई को इंदौर के होलकर स्टेडियम में किंग्स इलेवन पंजाब और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच मैच खेला गया.
नई दिल्ली/इंदौर: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें सीजन में 14 मई को इंदौर के होलकर स्टेडियम में किंग्स इलेवन पंजाब और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच मैच खेला गया. इस मैच में कोलकाता के हाथों पंजाब को हार की कडवाहट के साथ ही विवादों का नमक भी चखना पड़ा. बताया जा रहा है कि इस मैच के लिए पंजाब फ्रेंचाइजी की ओर से दिए गए कॉम्पलीमेंट्री टिकट्स को प्रशासन के अधिकारियों ने लौटा दिया था. वहीं मध्य प्रदेश सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह का भी इस मैच में अधिकारियों से विवाद होने की बात सामने आई है. वहीं फ्रेंचाइजी की को-ऑनर प्रीति जिंटा ने कुछ दिनों पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाए थे कि इंदौर प्रशासन के साथ उनका तालमेल नहीं बन पा रहा है. आपको बता दें कि पंजाब फ्रेंचाइजी ने होलकर स्टेडियम को आईपीएल मैचों के लिए अपना दूसरा होमग्राउंड बनाया है.
कैसे शुरू हुआ मंत्री और फ्रेंचाइजी विवाद
मध्य प्रदेश सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह सोमवार (14 मई) को इंदौर में अपने परिवार के साथ भोपाल से आईपीएल का मैच देखने पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि मंत्री विजय शाह को प्रशासन ने गैलरी के टिकट दिए थे. विजय शाह जब गेट से अंदर वीआईपी गैलरी में जाने लगे, तो उन्हें वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. रोके जाने से मंत्री विजय शाह भड़क गए. उन्होंने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोशिएशन (एमपीसीए) के पदाधिकारियों और पुलिस के अफसरों को खूब खरी-खोटी सुनाई. हालांकि इसके बाद अफसरों ने उन्हें मनाने की खूब कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने और वहां से चले गए.
स्टेडियम जाने के तीन रास्ते और पार्किंग पर लगा ताला
स्टेडियम में हुए इस विवाद के दूसरे ही दिन मंगलवार (15 मई) को प्रशासन ने विवेकानंद स्कूल से स्टेडियम में जाने के लिए बनाए गए दोनों गेट को बंद कर दिए गए. साथ ही सुलभ शौचालय के पास वाले गेट पर भी ताला डाल दिया गया. मैच के दौरान विवेकानंद स्कूल में बने संध्या अग्रवाल गेट से दर्शक स्टेडियम में जाते हैं. वहीं, पास ही एमपीसीए पदाधिकारियों के लिए एक अन्य गेट बना हुआ हैं. बताया जा रहा है कि मंत्री विजय शाह के आदेश के बाद दोनों गेट बंद किए गए हैं. इसके साथ ही स्कूल के मैदान में बनी कार पार्किंग भी बंद करवा दी गई है.
तीन दिन तक होती है समस्या- स्कूल प्राचार्य
कलेक्टर निशांत वरवड़े का कहना है कि स्कूल परिसर के उपयोग मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं स्कूल के प्राचार्य का कहना है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ ही शिक्षकों को भी मैच कारण दिक्कत होती है. तीन दिन के लिए आना-जाना बाधित हो जाता है. उन्होंने बताया कि कई बार शिक्षकों को भी रोक दिया जाता है.
फ्रेंचाइजी ने कहा- तालमेल जरूरी
वहीं किंग्स इलेवन पंजाब फ्रेंचाइजी ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस और प्रशासनिक सिस्टम का साथ नही मिलता है. यहां हर मैच में अधिकारी 60 से 70 लाख रुपए के टिकट मांगते हैं. फ्रेंचाइजी ने माना कि मैच के दौरान डीआईजी ने काफी सहयोग किया. फ्रेंचाइजी का कहना है कि सबके साथ तालमेल जरूरी है. गौरतलब है कि फ्रेंचाइजी से नाराज अफसरों और पुलिस विभाग फ्रेंचाइजी को टिकट लौटा दिए थे.