नई दिल्लीः केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर परिवार को घर में शौचालय बनवाने के लिए सहायता राशि दी जा रही है. सरकार की इसी योजना के तहत अशोकनगर निवासी लक्ष्मीबाई भी अपने घर में एक शौचालय का निर्माण कराना चाहती थी. लक्ष्मीबाई को जब केंद्र सरकार की योजना के तहत घर में शौचालय बनवाने का मौका मिता तो उसने अपनी सास से बात की. लेकिन, लक्ष्मी की सास अपने घर में शौचालय के निर्माण के विरुद्ध थी. लक्ष्मी ने शादी के बाद खुद तो खुले में शौच जाने का दुख सहन कर लिया, लेकिन अपनी 14 वर्षीय बेटी के खुले में शौच जाना लक्ष्मी को मंजूर नहीं था और लक्ष्मी ने गुस्से में शनिवार की सुबह खुद को आग लगा ली.

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गैस की नोब खुली रहने से लगी आग
लक्ष्मीबाई पति गीताराम ओझा को बुरी तरह झुलसने पर शनिवार दोपहर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है. बता दें कि आग से लक्ष्मी का शरीर 70 फीसदी जल गया है. लक्ष्मी ने आग लगने का कारण रसोई गैस की नोब खुली होना बताया, उसने बताया कि जैसे ही उसने गैस जलाने के लिए माचिस की तीली जलाई आग भड़क गई और वह उसकी चपेट में आ गई. 


नहीं लगाया किसी पर आरोप
हालांकि लक्ष्मी ने घटना को लेकर सीधे तौर पर किसी पर भी आरोप नहीं लगाया है, लेकिन उसने यह बात जरूर कही है कि शौचालय निर्माण को लेकर उसका उसकी सास से विवाद चल रहा था, और इसी विवाद के कारण वह करीब महीने भर तक मायके में ही रही थी. लक्ष्मी ने बताया कि वह एक कमरे के घर मे रहती है, कमरे के बाहर बड़ा सा आंगन भी है, उसके बावजूद भी सास घर मे शौचालय का निर्माण नहीं कराने देती और मजबूरी में उसे, उसकी बेटी सहित अन्य परिजनों को भी शौच के लिए बाहर ही जाना पड़ता है.


घर में शौचालय न होने से नाराज थी लक्ष्मी
वहीं लक्ष्मी के पति गीताराम ने स्वीकारा की शौचालय बनाए जाने को लेकर उसकी पत्नी और मां में विवाद चल रहा था, मकान की मालिक होने के कारण उसकी मां उसे घर मे शौचालय का निर्माण नहीं करने दे रही थी. जिसके चलते लक्ष्मीबाई का उसकी सास से आए दिन झगड़ा होता रहता है. घर में शौचालय न होने की वजह से नाराज पत्नी ने खुद को जलाने की कोशिश की.