भोपालः राज्य में फिर से कोरोना संकट बढ़ता दिखाई दे रहा है. 12 मार्च को जारी हुए कोरोना बुलेटिन में पता चला है कि भोपाल और इंदौर में हालात चिंताजनक हो गए हैं और यहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राज्य में पिछले 17 दिनों में कोरोना के मामले दोगुने हो गए हैं. 


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600 के ऊपर पहुंचा आंकड़ा
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 603 नए मरीज मिले हैं. इनमें से भोपाल में 138 और इंदौर में 219 मामले मिले हैं. इसी तरह जबलपुर में 26, ग्वालियर में 25, छिंदवाड़ा में 19, बुरहानपुर में 16, खरगोन में 16, रतलाम में 15, उज्जैन में 15, बैतूल में 13, सागर में 11, रीवा में 10 और खंडवा में 9 केस दर्ज हुए हैं. राज्य में अब कुल एक्टिव कोरोना मरीज बढ़कर 4335 हो गए हैं. 


प्रशासन हुआ सख्त
प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट हो गए हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजधानी भोपाल में मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है. कलेक्टर अविनाश लवानिया में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए SDM, तहसीलदार की टीम बनाकर उन्हें बाजार और सरकारी दफ्तरों में जांच करने के निर्देश दिए हैं. जांच के दौरान मास्क ना लगाने वाले लोगों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई करने को भी कहा गया है.


महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिलों में विशेष सावधानी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. महाराष्ट्र से आने वाले लोगों की थर्मल जाँच करने को कहा गया है. 


दुकानों पर सावधानी बरतने के निर्देश
सीएम ने 10 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामलों वाले जिलों में दुकानदारों को कोरोना से बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपाय कराने के निर्देश दिए हैं. दुकान के सामने रस्सी लगाने और ग्राहकों के बीच पर्याप्त दूरी रखने को कहा गया है. ग्राहकों को सैनिटाइजर का उपयोग करने और मास्क लगाने को भी प्रेरित करने को कहा गया है.


त्योहारों में मध्य प्रदेश आने वाले श्रमिकों की जाँच
में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि अधिक कोरोना संक्रमण वाले जिलों में कोविड कमांड सेंटरों को सक्रिय रखा जाए और पर्याप्त चिकित्सकों की सेवाएँ दी जाएं.


कोरोना वैक्सीनेशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्र व्यक्तियों को कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया जाए. पहला वैक्सीन डोज लगने के 28 दिन बाद अनिवार्य रूप से दूसरी डोज लगे, यह सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए संबंधित व्यक्ति को सूचित भी किया जाए.