Politics News: जीत के बाद एक नई चुनौती! कंगना रनौत और शंकर लालवानी की सांसदी पर संकट! जानिए पूरी मामला?
MP News: एमपी में इंदौर और हिमाचल की मंडी सीट चर्चा में आ गईं हैं. इंदौर और मंडी पर इस बार के लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. मगर अब दोनों ही सांसदों की कुर्सी खतरे में आ गई है.
Indore News: भाजपा के दो सांसदों की सीटों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. मंडी से बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत और इंदौर से बीजेपी सांसद शंकर ललवानी की सीट को लेकर धोखाधड़ी का आरोप लगाकर चुनौती दी गई है. आपको बता दें कि दोनों सांसद हाल ही में लोकसभा चुनाव से जीतकर सांसद बने हैं. दोनों के खिलाफ अलग-अलग याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है और चुनाव परिणाम रद्द करने की मांग की गई है.
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निर्दलीय उम्मीदवार लायक राम नेगी ने डाली याचिका
मंडी से सांसद कंगना रनौत पर निर्दलीय उम्मीदवार लायक राम नेगी ने आरोप लगाते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में उनका नामांकन रद्द किया गया था. उन्होंने 14 मई को नामांकन किया था और बतौर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे, लेकिन नामांकन पत्र उन्होंने पहले ही दे दिया था और बाद में बिजली, पानी और टेलीफोन के 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' मांगे और अगले दिन तक जमा कराने को कहा गया. उसी दिन सर्टिफिकेट देने पर भी रिटर्निंग ऑफिसर ने लेने से मना कर दिया और नाम खारिज कर दिया. नेगी ने इस मामले में चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर और उपायुक्त मंडी को भी अपराधी ठहराया है.
कंगना को मिला हाईकोर्ट से नोटिस
बता दें कि किन्नौर जिले के निवासी लायक राम नेगी की दायर याचिका पर हाईकोर्ट की न्यायधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ ने सुनवाई की. इसके बाद इन्होंने कंगना रनौत को नोटिस जारी किया. हाईकोर्ट ने 21 अगस्त को इस संबंध में मंडी सांसद कंगना से जवाब मांगा है.
सेना से रिटायर्ड धर्मेंद्र सिंह झाला ने याचिका दायर की
इंदौर से शंकर लालवानी ने रिकार्ड बनाते हुए लोकसभा चुनाव जीता. इस सीट से बीजेपी लगातार कई बार से जीतती आ रही है. सांसद शंकर लालवानी नगर निगम के सभापति और तीन बार पार्षद का पद संभाल चुके हैं. शंकर लालवानी को सुमित्रा महाजन के करीबी माने जाते हैं. सेना से रिटायर्ड धर्मेंद्र सिंह झाला ने हाईकोर्ट में शंकर लालवानी के खिलाफ याचिका दायर की. उन्होंने भी फॉर्म भरा था पर रिजेक्ट हो गया. उनका मानना है कि उनका बैकग्राउंड साफ-सुथरा है, फिर भी नामांकन फर्जी और धोखे से रद्द करवा दिया गया. उन्होंने दावा किया कि फॉर्म पर भी उनके नाम के फेक हस्ताक्षर किए गए हैं.