BJP पार्षद के दुष्कर्म मामले में महापौर का बयान- जांच के बाद ही कार्रवाई, क्या दो गुटों में बंटी पार्टी?
Indore News: इंदौर में बीजेपी पार्षद शानू शर्मा के खिलाफ रेप का मामला दर्ज होने के बाद राजनीति तेज हो गई है. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जांच पूरी होने के बाद ही कार्रवाई की बात कही है. वहीं कांग्रेस इस मुद्दे पर बीजेपी को घेर रही है.
Indore Politics intensifies: इंदौर में बीजेपी पार्षद शानू शर्मा पर दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद राजनीति में हलचल मच गई है. महिला कांग्रेस ने शानू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और उनके पुतले को जलाया है. जबकि, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि मामले की जांच पूरी होने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी. यहां तक की कि ये चीज भी सामने आई है कि बीजेपी पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है—एक गुट शानू शर्मा के समर्थन में है. जबकि, दूसरा गुट कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहीं, पुलिस ने आईपीसी की धाराएं लगाते हुए केस दर्ज किया है और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है.
इंदौर में सियासत तेज
दरअसल, इंदौर में बीजेपी के पार्षद शानू शर्मा उर्फ नितिन पर दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद राजनीति गरमा गई है. एक और महिला कांग्रेस ने जहां विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं, वहीं बीजेपी दो गुटों में बंट गई है. एक गुट शानू शर्मा के समर्थन में है, जबकि दूसरा गुट कार्रवाई की मांग कर रहा है. ऑनलाइन समाचार पोर्टल द सूत्र की एक खबर के मुताबिक, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, जिनका वार्ड 82 में निवास है, ने गुरुवार को बयान दिया कि महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज होना घटना की सूचना देने जैसा है, लेकिन सत्यता की जांच ईमानदारी से होनी चाहिए. यदि शिकायत सही पाई गई, तो पुलिस नियमानुसार कार्रवाई करेगी, लेकिन, उन्होंने कहा कि पहले जांच पूरी होनी चाहिए, फिर ही कोई कार्रवाई होनी चाहिए.
बीजेपी में गुटबाजी?
शानू शर्मा, जो पूर्व महापौर और इंदौर विधानसभा चार की विधायक मालिनी गौड़ का समर्थक है, को उनकी सिफारिश पर पार्षद का टिकट मिला था. हाल ही में एक घटना ने गौड़ परिवार और शानू के बीच दूरियां बढ़ा दीं. दरअसल, कुछ दिन पहले शानू के घर पर संत महाराज का आगमन हुआ और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दर्शन के लिए शानू के घर गए. इस पर गौड़ परिवार ने शानू को फटकार लगाई और दोनों के बीच तनाव बढ़ गया. जब महिला का मामला सामने आया, तो एक गुट ने शानू पर कार्रवाई रुकवाने की कोशिश की, जबकि गौड़ के समर्थकों ने कार्रवाई की मांग की है. इस राजनीति के चलते पुलिस की कार्रवाई में देरी हुई, लेकिन महिला के दबाव के कारण बुधवार को पुलिस ने केस दर्ज किया.
कांग्रेस का विरोध
महिला कांग्रेस ने शानू शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इंदौर शहर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिला निमटीट ने राजवाड़ा पर शानू का पुतला जलाया. जबकि, जिला अध्यक्ष महिला कांग्रेस, डॉ. ठीटा डागरे ने उनके घर के सामने प्रदर्शन कर चूड़ियां भेंट की. हालांकि, शानू अभी फरार है.
पुलिस ने आईपीसी की धाराएं लगाईं
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं लगाई हैं, जिसमें धारा 376, 376(2)(n), और 506 शामिल हैं. एसीपी शिवेंद्र जोशी ने बताया कि घटना एक जुलाई से पहले की है, इसलिए IPC की धाराएं लगाई गई हैं. अधिवक्ता मनीष यादव ने कहा कि पुलिस ने उचित धाराएं लगाई हैं. यदि घटना एक जुलाई से पहले की है, तो IPC की धाराएं लगाई जाती हैं, अन्यथा कोर्ट में तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं.
महिला की शिकायत में शानू पर आरोप
पीड़िता ने बताया कि 2020 में उसकी पहचान पार्षद शानू शर्मा से हुई थी. पिछले साल पैसों की समस्या के कारण उसने शानू शर्मा से मदद मांगी. शानू ने कहा कि पैसे की समस्या हल करने और सरकारी नौकरी दिलाने के बदले शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा.
50 हजार रुपए कर्ज के बदले गलत काम
पीड़िता ने बताया कि उसे HDFC बैंक से लोन चुकाना था और उसने शानू को बताया. शानू ने उसे 1 लाख रुपए की मदद दी, लेकिन बाद में पैसे वापस करने का दबाव बनाने लगा. जब उसने 50 हजार रुपए लौटाए, तो शानू ने अतिरिक्त पैसे की मांग की. फिर, उसने उसे दुरुपयोग के लिए बुलाया और 10 मई 2023 को पहली बार संबंध बनाए. इसके बाद, उसने शानू के घर और कार्यालय में भी कई बार संबंध बनाए. जनवरी 2024 में भी एक होटल में बुलाया और संबंध बनाए. मार्च में उसे नौकरी से निकाल दिया.
धमकी और गला दबाने की चेतावनी
शानू ने पीड़िता को 16 अप्रैल 2024 को ऑफिस बुलाकर संबंध बनाए और धमकी दी कि अगर उसने मामले को उजागर किया तो गला दबाकर मार देगा. पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और मामला दर्ज कर लिया गया.