Gyaneswar Patil: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन खंडवा लोकसभा सीट से चुनाव जीते बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल जीतकर भी मुश्किल में नजर आ रहे हैं. दरअसल, ज्ञानेश्वर पाटिल के नामांकन पत्र को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिक दायर की गई थी. जिसमें उन पर जानकारी छुपाने का आरोप लगाया गया था. अब इसी याचिका पर हाईकोर्ट ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से जवाब मांगा है. 


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पाटिल के खिलाफ दायर हुई थी याचिका 


बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के नामांकन को लेकर बुरहानपुर जिले के एडवोकेट मनोज कुमार अग्रवाल ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उनका आरोप था कि लोकसभा चुनाव के दौरान पाटिल ने जो नामांकन जमा किया था, उसमें कुछ जानकारी छुपाई गई है.मंगलवार को इस मामले पर कोर्ट ने सुनवाई की और सुनवाई में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के साथ रिटर्निंग ऑफिसर और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते में जवाब मांगा है, मामले की अगली सुनवाई 4 सितम्बर को होगी. 


मनोज कुमार ने निर्दलीय लड़ा था चुनाव 


याचिका दायर करने वाले मनोज कुमार विश्वंभर नाथ अग्रवाल ने खंडवा संसदीय सीट पर निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ा था, चुनाव में उन्हें हार मिली थी. इसके बाद एडवोकेट मनोज कुमार ने याचिक दायर करते हुए बताया था कि ज्ञानेश्वर पाटिल ने नामांकन-पत्र के साथ जमा किए गए शपथ-पत्र में यह जानकारी छुपाई थी कि वह सहकारी बैंक के प्रकरण में डिफाल्टर घोषित किए गए थे. हालांकि अब इस मामले में हाईकोर्ट ने चार हफ्ते में ज्ञानेश्वर पाटिल से जवाब मांगा है. अब सबकी नजरें चार सिंतबर होने वाली सुनवाई पर टिकी है. वहीं याचिका पर सुनवाई के बाद यह मामला प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा में बना हुआ है. 


पाटिल को मिली थी बड़ी जीत 


बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ज्ञानेश्वर पाटिल का मुकाबला कांग्रेस के नरेंद्र पटेल से हुआ था. जहां चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की थी. ज्ञानेश्वर पाटिल को 8 लाख 62 हजार 679 वोट मिले थे, जबकि नरेंद्र पटेल को 5 लाख 92 हजार 708 वोट मिले थे, पाटिल ने यह चुनाव 2 लाख 69 हजार 971 वोट से जीता था. ज्ञानेश्वर पाटिल दूसरी बार खंडवा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं. इससे पहले उन्होंने वह उपचुनाव में इस सीट से सांसद चुने गए थे. 


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