MP Weather: ग्वालियर-चंबल में भारी बारिश का रेड अलर्ट, हालात हो सकते हैं बेकाबू, इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने ग्वालियर चंबल इलाके में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. जिससे इस इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाके में बीते कई दिनों से भारी बारिश हो रही है. जिससे इलाके की नदियों का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है. अब मौसम विभाग के ताजा अपडेट ने चिंता बढ़ा दी है. दरअसल मौसम विभाग ने ग्वालियर चंबल इलाके में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. जिससे इस इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
क्यों हो रही है ग्वालियर चंबल इलाके में इतनी बारिश?
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दक्षिणी उत्तर प्रदेश में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसी तरह दक्षिणी हरियाणा में भी एक कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है. वहीं हरियाणा के अनूपगढ़ से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार के गया, डुमका, बांकुरा से होते हुए उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक मानसून का ट्रफ बना हुआ है. यही वजह है कि इन वेदर सिस्टम के बनने से उत्तर प्रदेश से लगते एमपी के जिलों में भारी बारिश हो रही है.
इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग के अनुसार, रीवा, सागर और भोपाल संभाग के जिलों में भी तेज बारिश के आसार हैं. मौसम विभाग ने इन इलाकों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने कहीं कहीं बिजली चमकने और गिरने के साथ तेज हवा चलने का भी अलर्ट जारी किया है. शहडोल, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद, ग्वालियर-चंबल, भोपाल, सागर, रीवा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है.
नदियों में बढ़ा जलस्तर गांवों में अलर्ट जारी
ग्वालियर-हरसी डैम के आसपास और पार्वती नदी के किनारे बसे गांवों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. दरअसल डैम से पानी छोड़ा गया है. जिससे पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ गया है. यही वजह है कि नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. प्रशासन ने 24 गांवों में अलर्ट जारी किया है. पार्वती नदी के अलावा सिंध, महुअर और नोन नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है. सिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्वालियर, दतिया और भिंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं. इन गांव के लोगों को भी प्रशासन की तरफ से अलर्ट कर दिया गया है और लगातार हालात पर नजर रखी जा रही है. नदी पर बने पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है. जिसके कारण लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं.