नई दिल्लीः हर साल 21 अक्टूबर के दिन पुलिस स्मृति दिवस (Police Commemoration Day) के तौर पर मनाया जाता है. ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों की याद में यह दिवस मनाया जाता है. इस साल देश अपना 63वां पुलिस स्मृति दिवस मना रहा है. इस दिन को पुलिस परेड डे (Police Parade Day ) के नाम से भी जाना जाता है.  


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भारत की चीन के साथ हजारों किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. आजादी के बाद चीन बॉर्डर की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के पास थी. 20 अक्टूबर 1959 को भारत की तीसरी बटालियन की एक कंपनी को उत्तर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग के इलाके में तैनात किया गया था. इस कंपनी को तीन टुकड़ियों में बांटकर सीमा पर गश्त की जिम्मेदारी दी गई थी. 20 अक्टूबर को गश्त पर निकलीं तीनों टुकड़ियों में से दो टुकड़ी गश्त के बाद वापस कैंप पहुंच गईं लेकिन तीसरी टुकड़ी वापस नहीं आई. 


इस पर 21 अक्टूबर 1959 की सुबह दोनों टुकड़ी के जवान अपने लापता साथियों की तलाश में निकले. जब पुलिसकर्मी अपने साथियों को ढूंढ रहे थे, तभी चीन के सैनिकों ने घात लगाकर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. अचानक हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 10 जवान शहीद हो गए. इन जवानों के बलिदान की याद में और जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ही हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. 


साल 1960 में सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में लद्दाख की घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने का फैसला किया गया. इसके बाद ही हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. बता दें कि चीन सीमा की इस घटना के बाद ही चीन सीमा की सुरक्षा के लिए भारत तिब्बत सीमा सुरक्षा बल का गठन किया गया. 


पीएम मोदी ने 15 अक्टूबर 2018 को भारत के पहले राष्ट्रीय पुलिस संग्रहालय का उद्घाटन भी किया. यह संग्रहालय दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में बना हुआ है. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत देश के लगभग सभी बड़े नेताओं ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों की शहादत को सलाम किया.