Jyotiraditya Scindia: ग्वालियर-चंबल में BJP का कुनबा बढ़ा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस को फिर दिया जोर का झटका
5 councilors Joined BJP: मध्य प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों भगदड़ मची हुई है. ग्वालियर- चंबल की बात करें तो यहां बीजेपी के लिए सिंधिया मजबूत कड़ी बनकर उभरे हैं. उन्होंने एक बार फिर कई पार्षदों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई है.
प्रियांशु यादव/ ग्वालियर: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद अब बीजेपी (BJP) की नजरें लोकसभा चुनाव पर टिक गई है. प्रदेश में बीजेपी के शीर्ष नेताओं का दौरा हो रहा है. पार्टी लोकसभा चुनाव में भी दबदबा कायम रखने के लिए लगातार मेहनत कर रही है. ग्वालियर चंबल संभाग की बात करें तो यहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia News) पार्टी के लिए 'तुरुप का इक्का' साबित हो रहे हैं. लगातार देखा जा रहा है कि सिंधिया विपक्षी पार्टियों के छोटे- बड़े नेताओं को बीजेपी की सदस्यता दिला रहे हैं. एक बार फिर सिंधिया ने जय विलास पैलेस में इन पार्षदों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई है.
बीजेपी में शामिल हुए ये पार्षद
सिंधिया आने वाले लोकसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. इसके लिए विपक्षी दलों के नेताओं को बीजेपी में शामिल कराने में लगे हुए है. एक बार फिर सिंधिया ने आशा सुरेंद्र सिंह चौहान, कांग्रेस पार्षद गौरा अशोक गुर्जर, कांग्रेस पार्षद कमलेश बलवीर तोमर, बहुजन समाज पार्टी के पार्षद सुरेश सोलंकी और वार्ड नं. 6 से पार्षद दीपक मांझी को बीजेपी की सदस्यता दिलाई है.
बता दें कि इससे पहले 11 फरवरी यानि की कल सिंधिया ने कांग्रेस को गहरी चोट दी थी. इसके तहत उन्होंने अशोकनगर से यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष और गुना सांसद केपी यादव के भाई अजयपाल यादव को बीजेपी में एंट्री दिलाई थी. बता दें कि सिंधिया के जरिए इन लोगों ने दूबारा बीजेपी का दामन थामा है. पिछले महीने की बात करें तो मुरैना विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक राकेश मावई और शिवपुर के पूर्व जनपद अध्यक्ष पारस सिंह रावत ने भी सैकड़ों समर्थकों के साथ सिंधिया के सामने भाजपा की सदस्यता हासिल की थी.
सिंधिया ने बदली हवा
ग्वालियर चंबल संभाग की बात करें तो यहां पर 4 लोकसभा सीट और 34 विधानसभा सीट है. चारों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. एक समय ग्वालियर चंबल अंचल कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. यहां की लोकसभा और विधानसभा सीटों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का वर्चस्व देखा जाता था. लेकिन सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस यहां कमजोर साबित हुई और बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस के खाते में 16 सीट गई थी. बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां पर 26 सीट हासिल की थी. इस बार इन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी के बढ़त के पीछे सिंधिया का अहम योगदान माना जाता है.
इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव की बात करें तो इन गुना, मुरैना और ग्वालियर लोकसभा सीट में से किसी एक सीट पर सिंधिया के चुनाव लड़ने के आसार जताए जा रहे हैं.