रतलाम: खुले बोरवेल के खिलाफ प्रशासन सख्त,एसडीएम को दिए जाएंगे ये निर्देश
रतलाम में खुले बोरवेल के प्रति जागरूक हो रहे किसान. प्रशासन ने पहल करते हुए होमगार्ड कमांडेंट ने जिले के एसडीएम को निर्देश दिए है.
चन्द्रशेखर सोलंकी/रतलाम: खेतों में पानी का मुख्य स्रोत बोरवेल है, जो पानी छोड़े जाने पर खेतों को जीवन देता है, लेकिन लापरवाही के कारण यह बोरवेल मौत का गड्ढा बन जाता है. जब पानी नहीं निकलता तो इन बोरवेल से पाइप हटा दिया जाता है और फिर इस गड्ढे को खुला छोड़ दिया जाता है और यह खुला बोरवेल गड्ढा कभी-कभी किसी मासूम के लिए जीवन और मृत्यु के संघर्ष का कारण बन जाता है और इस संघर्ष में कभी कभार ही जिंदगी जीत पाती है, लेकिन कई बार खुला बोरवेल मासूम की तड़पती मौत का मंजर बन जाता है. एक अनदेखी कब किसकी जिंदगी खतरे में डाल देगी इसका किसी को पता नहीं होता.
ऐसे में खुले बोरवेल की लापरवाही को लेकर हर बार यही बात सामने आती है कि हादसे के बाद प्रशासन जागता है. फिर खुले बोरवेल को लेकर जांच शुरू होती है. ऐसे बोरवेल बंद करने के आदेश हैं, लेकिन प्रशासन क्यों नहीं ऐसी लापरवाही पर पहले से ध्यान देता है. मौत के इस गड्ढे में कोई जिंदगी जाने से पहले इस डेड होल का मुंह बंद कर देना चाहिए.
ज़ी मीडिया कई क्षेत्रों में पहुंचा
रतलाम में बिना पाइप वाले ऐसे खुले बोरवेल की पड़ताल करने के लिए ज़ी मीडिया कई क्षेत्रों में पहुंचा. हालांकि खुले बोरवेल नहीं मिले, लेकिन कई बंद पड़े बोरवेल अभी भी खेतों में हैं, लेकिन उनके पाइप नहीं हटाए गए हैं. इसलिए यह खतरनाक नहीं है, लेकिन इन बोरवेल से भी सावधान रहना जरूरी है.
बोरवेल होल को छोड़ दिया जाता है खुला
रतलाम के कई खेतों में बंद बोरवेल पाए गए हैं. इसके बारे में किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि खुले बोरवेल के कारण दुर्घटनाएं होती हैं. 70 फीट पर भी नहीं निकलता पानी तो उसमें डाले गए 30 से 40 हजार रुपये के पाइप बेकार हो जाते हैं. इन पैसों को बचाने के लिए पाइप को हटा दिया जाता है और इस बोरवेल होल को खुला छोड़ दिया जाता है. जिससे बड़ा हादसा होता है.
प्रशासन को जिले में ऐसे बोरवेलों की जानकारी लेनी चाहिए जो जोखिम वाले हैं और प्रशासन की मौजूदगी में उन्हें मिट्टी कंक्रीट से पूरी तरह सील कर दिया जाए. जो लोग ऐसे बोरवेल को अपने खेतों में खुला छोड़ देते हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.
लोगों को करेंगे जागरूक: जिला होमगार्ड कमांडेंट
ऐसे किसी भी हादसे में प्रशासन की रेस्क्यू टीम सबसे पहले आती है. ऐसे में जब जिला होमगार्ड कमांडेंट रोशनी बिलवाल को जिले के लापरवाह बोरवेल से जब इस तरह से जिले के लापरवाही वाले बोरवेल को लेकर करवाई और इसके लिए पहल की बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इसके लिए जिले के विभिन्न एसडीएम को निर्देशित करेंगे. जब भी बैठक हो तो खुले हुए बोरवेल के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे और खुले बोरवेल की जानकारी लेने के बाद इसे बंद करवा देंगे ताकि इस तरह की दुर्घटना न हो.