हितेश शर्मा/दुर्ग: दुर्ग की शिवनाथ नदी ने 20 साल बाद एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है. उफनती शिवनाथ की जद में 40 से ज्यादा गांव आ गए है. जिनका संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है, तो वहीं दुर्ग राजनांदगांव मार्ग 20 साल बाद बंद हो चुका है. शिवनाथ के मुहाने पर बसे गांवों में 10 फीट तक पानी चल गया है. जिसके कारण प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है.


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पशुपतिनाथ मंदिर में घुसा शिवना का पानी, श‍िवल‍िंग के 8 में से 4 मुख डूबे


दरअसल आज सुबह मोगरा बैराज और सूखा नाला से लगभग 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके कारण शिवनाथ के किनारे बसे इलाकों में जबरदस्त बाढ़ आ गई है तो वहीं शिवनाथ नदी का पुल भी पूरी तरह डूब चुका है. नदी के ऊपर 10 फीट तक पानी बह रहा है.


20 सालों में पहली बार बाढ़ आई
दुर्ग से राजनांदगांव जाने वाले मार्गो को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. यह 20 सालों में पहली बार हुआ है. इससे पहले 2002 में इस तरह की बाढ़ आई थी. फिलहाल जिला प्रशासन की हाई अलर्ट मीटिंग जारी है क्योंकि पानी शहर के अंदर मोहल्ले और इलाकों में घुस गया है.


अलर्ट जारी हुआ है
छत्तीसगढ़ में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. इसको देखते हुए राज्य शासन द्वारा नदियों विशेषकर महानदी बेसिन के किनारे गांवों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है.


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सीएम ने दिया निर्देश
सीएम भूपेश बघेल ने महानदी के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए जांजगीर-चाम्पा एवं रायगढ़ जिले के नदी किनारे वाले गांवों में जिला प्रशासन को विशेष निगरानी एवं सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. यहां बाढ़ की आशंका जताई गई है.