प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों को लेकर अजीबो गरीब आदेश जारी हो रहे है. अब एक और दिलचस्प मामला स्कूल शिक्षा विभाग का सामने आया है. जहां पहले 21 अक्टूबर को आदेश निकाला गया कि सीएम राइज स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों की ट्रांसफर नहीं होंगे, लेकिन इसके बाद 22 अक्टूबर को ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिए गए 5000 से ज्यादा शिक्षको के तबादले कर दिए गए.


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7 महीने बाद अप्रैल में रिलीव किया जाएगा
अब ये शिक्षक जब तबादलों के मुताबिक जॉइनिंग करने को तैयार है तो शिक्षा विभाग ने भी आदेश निकाल कह दिया कि जिन शिक्षकों के ट्रांसफर हुए हैं, उन्हें 7 माह बाद यानी अप्रैल में रिलीव किया जाएगा. आपको बता दें कि तबादलों में इस तरह का आदेश पहली बार जारी हुआ है.


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क्या कहता है तबादला नियम?
- आपको बता दें कि जब भी किसी सरकारी कर्मचारी का ट्रांसफर किया जाता है तो उसकी जॉइनिंग 15 दिन के अंदर करवाने का काम विभाग का होता है.
- अगर विभाग ऐसा करने में असमर्थ होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. यहां तक की ऐसे कर्मचारी को सस्पेंड भी किया जा सकता है.
- गौरतलब है कि ट्रांसफर की नीति सरकार घोषित करती है, लेकिन जॉइनिंग के नियम पहले से तय है.


43 हजार शिक्षकों ने किया था आवेदन
बता दें कि 22 अक्टूबर 2022 को नई तबादला नीति 2022 के तहत शिक्षकों के तबादले के आदेश जारी हुए थे. इससे पहले प्रदेश के 45 हजार 118 शिक्षकों ने स्कूल एजुकेशन पोर्टल पर मनचाही जगह तबादले के आवेदन किए थे. इसमें से 24 हजार शिक्षकों को मनचाही जगह तबादले की खुशियां मिली है. 


राज्य शिक्षा मंत्री ने की थी अपील
वहीं तबादल प्रक्रिया के बाद राज्य शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपनी मनचाही जगह पाने वाले शिक्षकों से खास अपील की थी, उन्होंने कहा था कि अब शिक्षक अपनी पसंद से विद्यार्थियों को शिक्षा दें. उन्होंने ये भी कहा था कि जिन शिक्षकों के तबादले नहीं हो पाए वो आने वाले साल में ट्राय करें. इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाएगा