Ajab Gajab: शहडोल के स्कूल में भूत का साया! प्रार्थना में लड़कियां कर रही अजीब हरकत, लड़कों में असर नहीं
Ajab Gajab: आदिवासी बाहुल्य शहडोल की एक स्कूल इन दिनों चर्चाओं में है. लेकिन, चर्चा का विषय यहां कोई लापरवाही या पढ़ाई नहीं है. चर्चा की विषय हैं यहां होने वाली अजीब घटनाएं. जिस कारण स्थानीय लोग यहां भूत के साय का दावा कर रहे हैं.
Ajab Gajab: शहडोल: आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले में एक स्कूल इन दिनों चर्चाओं में है. क्योंकि, स्कूल आते ही स्कूल प्रांगण में हों रहे प्रेयर में एक-दूसरे को देख छात्राएं झूमने लगते हैं. यहां पढ़ने वाली छात्राएं अजीब-अजीब हरकतें कर रही हैं. छात्राएं रोने लगती है. इस दौरान बच्चों को स्कूल में झाड़ फूक कराया, जिसके कुछ देर बाद बच्चे अजीब हरकत करना बंद कर दिए. छात्राओं के इस तरह के व्यवहार से पालकों और ग्रामीणों में स्कूल में कोई भूत-प्रेत का साया का अंदेशा सताने लगा है.
बुढ़ार विकासखंड में स्थित है स्कूल
मामला शहडोल जिले के बुढ़ार विकासखंड के शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय छोटकी टोला का है. जहां, स्कूल आते ही छत्राएं किसी समस्या के चलते अजीब हरकत कर रही हैं. इनको देखकर ऐसा लगता है जैसे इन पर भूत प्रेत का कोई साया है.
अचानक हुई इस घटना से टीचर परेशान
अचानक हुई इस घटना के चलते टीचर भी परेशान हैं. टीचरों का कहना है कि इससे 13 से 14 बच्चे प्रभावित हुए हैं और खास बात यह है कि 157 बच्चे इस विद्यालय में पढ़ते हैं. लेकिन. आते सिर्फ 70 से 80 ही है. क्योंकि उनके अभिभावक बच्चों को डर के कारण नहीं भेज रहे हैं.
ग्रामीण कर रहे हैं इस बात का दावा
ग्रामीण बताते हैं कि इस स्कूल का निर्माण जिस भूमि में हुआ है. वहां कुछ समय पहले शमशान घाट था. यहां लंबे समय से लोगों को गड़ाया और जलाया जाता रहा है. लेकिन, लेकिन यहां पर विद्यालय सब बंद हो गया. इसी कारण यहां भूत प्रेत का साया हो गया. इस विद्यालय में लगातार ऐसा हो रहा है. कुछ ऐसा यहां के शिक्षक भी कह रहे हैं.
हो रहा है बच्चों का नुकसान
लोगों का कहना है कि यहां पर भूत प्रेत का साया है जिसके कारण बच्चे को भूत प्रेत लग रहा है. इसी कारण से विद्यालय में ही जो भूत-प्रेत उतारने का काम करते हैं जिन्हें गांव की भाषा में गुनिया एवं तांत्रिक कहा जाता है. उन लोगों बच्चियों को ठीक कराया गया है. स्कूल में सामने आए इन अंधविश्वास की बातों में कितना सच है या सिर्फ एक अंधविश्वास है ये कह पानी को संभव नहीं है. लेकिन, इस कारण बच्चों की पढ़ाई का नुकसान जरूर हो रहा है.