दलित वोटबैंक की लड़ाई! अंबेडकर शरण में बीजेपी-कांग्रेस
बीजेपी के सभी बूथों पर अंबेडकर जयंती मनाने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान का अपमान करती है. ऐसे में इन्हें बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाने का अधिकार नहीं है.
प्रमोद शर्मा/भोपालः आज अंबेडकर जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश की राजनीति अंबेडकरमय दिखाई दे रही है. बता दें कि भाजपा और कांग्रेस अंबेडकर जयंती पर कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही हैं. माना जा रहा है कि दोनों ही पार्टियां अंबेडकर जयंती के कार्यक्रमों के बहाने अनुसूचित वर्ग के वोटबैंक को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही हैं.
जुबानी जंग शुरू
अंबेडकर जयंती के अवसर पर सत्ताधारी भाजपा बड़े पैमाने पर कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. बीजेपी प्रदेशभर के 65 हजार बूथों पर अंबेडकर जयंती मनाएगी. वहीं कांग्रेस भी जगह जगह कार्यक्रमों का आयोजन करेगी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ महू में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. वहीं इन आयोजनों को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग भी शुरू हो गई हैं.
बीजेपी के सभी बूथों पर अंबेडकर जयंती मनाने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान का अपमान करती है. ऐसे में इन्हें बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाने का अधिकार नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनावी एजेंडे के तहत बाबा साहब को याद कर रही है. कांग्रेस चुनाव के लिए राजनीति नहीं करती है.
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. भाजपा प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा कि बाबा साहेब को हराने वाले कांग्रेस हम पर आरोप ना लगाएं. बाबा साहब के हिंदू कोर्ट बिल का पालन बीजेपी ने कराया. कांग्रेस ढोंग कर रही है. कमलनाथ महू जा रहे हैं लेकिन बाबा साहब के पंच स्थल को बीजेपी ने विकसित किया है.
दलित वोटबैंक क्यों अहम?
बता दें कि 230 विधानसभा सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में 35 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इनके अलावा 28-30 विधानसभा ऐसी हैं, जहां दलित मतदाता जीत हार में अहम भूमिका निभाते हैं. यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस इस बड़े वोटबैंक को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहतीं.