अंबेडकर जयंती पर अखिलेश को क्यों याद आया विकास दुबे? योगी सरकार के एनकाउंटर पर उठाए सवाल
बाबा साहब भीम राव अंबेडर की जयंती के अवसर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने योगी सरकार पर कटाक्ष करते हुए विकास दूबे और अतीक अहमद के बेटे को हुए एनकाउंटर को लेकर भी सवाल खड़ा किया.
पुष्पैंद्र वैद्य/इंदौरः समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आज शुक्रवार को इंदौर में Zee News से खास बातचीत में योगी सरकार (Yogi Sarkar) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज बाबा भीमराव अम्बेडकर (Baba Bhimrao Ambedkar ) की 125वीं जयंती है. आज बड़ी संख्या में लोग उनको नमन कर रहे हैं. उनकी जन्मस्थली पहुंचे हैं. बाबा साहेब ने हमें जो संविधान (Constitution) दिया, जो अधिकार दिए, आज उन्हीं अधिकारों से भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार खिलवाड़ कर रही है. यह लोग सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं. कानून और संविधान से इन्हें कोई मतलब नहीं है. इस दौरान उन्होंने विकास दूबे के गाड़ी
अखिलेश यादव ने Zee News से बातचीत के दौरान कहा कि सरकारी नौकरियां कम हो रही? हैं. संस्थाओं का निजीकरण हो रहा है. इस सरकार के बारे में पीछे मुड़कर देखना चाहिए. बलिया में एक व्यापारी ने लाइव बोलते हुए जान दे दी. उसने जान इसलिए दी क्योंकि वह सूदखोर से परेशान था और जो सूदखोर थे, उनका संबंध भाजपा से था. उसी बलिया में एक छात्र नेता की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. पीटने वाले मुख्यमंत्री के स्वजातीय लोग हैं. न उनका एनकाउंटर होगा, ना उन्हें मिटटी में मिलाया जाएगा.
विकास दूबे को लेकर कही ये बात
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विकास दूबे को लेकर कहा कि यहीं से महाकाल के दर्शन करके लौट रहे थे विकास दुबे. यहां से चला गाड़ी पलटाकर उसकी जान ले ली. झांसी में ही पुष्पेन्द्र यादव का एनकाउंटर कर दिया गया, उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली. क्योंकि पत्नी को न्याय नहीं मिल था और उसने ऐसा कहा भी था. उसी शहर में एक बुलडोजर ने एक ब्राह्मण परिवार की एक झोपडी में आग लगाई. जिससे मां-बेटी जिन्दा जल गई. क्या देश और दुनिया में ऐसे उदहारण मिल सकते है आपको? वहीं सरकार इनके ऊपर बुलडोजर क्यों नहीं चला रही? क्या धर्म के आधार पर यह सरकार समाज को बांटने का सन्देश दे रही है? इन्हें ना कानून की परवाह है और ना ही संविधान की. क्या कोर्ट से ऊपर सरकार हो गई है. क्या हमारे देश में कोर्ट खत्म हो गए है.
अतीक को लेकर कही ये बात
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को अपना चेहरा आइने में देखना चाहिए. क्या भाजपा ने समाजवादी पार्टी को हारने के लिए जेल तक पहुंचकर टिकट का इंतजाम नहीं किया? इलेक्शन कमीशन से सहयोग नहीं लिया? भाजपा के नेता अधिकारी जेल तक में गए और चुनाव के फॉर्म भरवाए गए. अतीक अगर समाजवादी पार्टी में था? तो उस पर कार्रवाई करने के लिए किसने रोका था? क्या एक ही अपराधी है, पूरे उत्तरप्रदेश में? भाजपा को टॉप 10 अपराधियों की सूची जारी करना चाहिए. भाजपा हिन्दू-मुस्लिम करना चाहती. ऐसा सन्देश देना चाहती है, जिससे समाज बंटे, उन्हें बेरोजगारी, नौकरी और महंगाई से कोई लेना देना नहीं है. इन सवालों से भटकाने के लिए इस तरह का प्रोपेगेंडा करते हैं. मुख्यमंत्री ने खुद विधानसभा में कहा कि 56 से 46 लोग एक ही जाति के नौकरी पा गए. क्या इससे बड़ा कोई झूठ हो सकता है.
भाजपा नहीं चाहती समाज में एकता
अखिलेश ने मीडिया पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि इन मुद्दों पर मीडिया का भी ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा कभी भी समाज में एकता नहीं चाहिए. देश की जनता जानना चाहिए है कि जिस बुलडोजर ने माँ-बेटी की जान ली, क्या उनका एनकाउंटर होगा? उन अधिकारीयों को जेल भेजा जाएगा? दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? यह बड़ा सवाल है. दोषियों का भी एनकाउंटर किया जाएगा? क्या एक आईपीएस का भी एनकाउंटर होगा, जिसने व्यापारी की जान ली? जब सदन आएगा तब सदन में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा? लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या संस्थाएं काम करेगी? सवाल जांच का नहीं है. सवाल इस बात का है कि क्या दोषियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई होगी.
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